
Diwali Bonus: सोशल मीडिया में जिस तरह से मशाल रैली को लेकर कर्मियों के बीच से प्रतिक्रिया आ रही है, उससे नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की बैठक में शामिल होने वाले श्रमिक नेता भी दबाव में है। वहीं दूसरी ओर प्रबंधन पर कोई दबाव नहीं है। कर्मियों में फूट होने की वजह से हड़ताल सफल होती नहीं है और किसी तरह काम या उत्पादन प्रभावित नहीं होता।
बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने बोनस की जगह अफसरों की तर्ज पर पीआरपी की मांग की है। इस मांग को लेकर भिलाई में एक बड़ी मशाल रैली निकाली गई। इसके पहले काला बैच लगाकर कर्मियों ने काम किया। युवा कर्मियों की यूनियन ने मशाल रैली के नाम पर शक्ति प्रदर्शन किया है।
भिलाई स्टील प्लांट के करीब 12,000 कर्मियों को बोनस (एक्सग्रेसिया) कितना मिलेगा, इस पर फैसला एक अक्टूबर की बैठक में तय होने की उम्मीद है। बैठक में अगर यूनियन नेता प्रबंधन के प्रस्ताव को नहीं मानते हैं, तो पिछले साल की तरह फिर एक बार कर्मियों के खातों में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) प्रबंधन सीधे वह राशि डाल भी सकता है।
बीएसपी एटक महासचिव विनोद सोनी का कहना है कि सेल-बीएसपी कर्मियों को सम्मानजनक बोनस दिया जाना चाहिए। सेल में कर्मियों की संख्या कम हुई है, लेकिन उत्पादन बढ़ा है।
बोनस के संबंध में एनजेसीएस की बैठक मंगलवार को दिल्ली में है। यूनियन नेता चाहते हैं कि प्रबंधन पुराने फार्मूले की जगह नया फार्मूला पेश करे। इसके बाद बोनस पर चर्चा शुरू हो। वे इसको लेकर पहले भी मांग कर चुके हैं।
भिलाई इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा सेल प्रबंधन बोनस के फार्मूले को बदलने की मांग पर सहमत हुआ था। कर्मियों की मांग भी यही है। ऐसे में एनजेसीएस की बैठक में प्रस्ताव क्या रखा जाता है, सबकुछ उस पर निर्भर करेगा।
एचएमएस, बीएसपी के महासचिव प्रमोद मिश्रा ने कहा सीधे खाते में राशि डालना गलत परंपरा कम से कम 43,526 रुपए बोनस दिया जाना चाहिए। प्रबंधन के प्रस्ताव को यूनियन नेता खारिज कर देते हैं, तो खाते में राशि डालने की नई परंपरा बना ली गई है।
Updated on:
03 Dec 2024 01:19 pm
Published on:
30 Sept 2024 10:05 am
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