पहले भारत के सुरक्षा बेड़े में सबसे बड़े युद्धपोत और एयरक्राफ्ट कैरियर के रूप में आईएनएस विक्रांत के लिए यहां से प्लेट भेजा था। इसके बाद 90 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित युद्धपोत आईएनएस कावरत्ती में भी भिलाई का लोहा लगा। बीएसपी के प्लेट मिल से निर्मित 4700 टन डीएमआर प्लेटों का उपयोग इस जंगी जहाज के लिए किया गया। कोरोना काल में भी बीएसपी ने 700 टन से अधिक स्पेशल प्लेट्स की सप्लाई नौसेना को की।
डीएमआर ग्रेड हाई स्ट्रेंथ प्लेट है जो शून्य से बहुत नीचे तापमान को झेल सकता है। नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत में बीएसपी निर्मित प्लेट का भारी मात्रा में इस्तेमाल किया है। बीएसपी द्वारा सप्लाई की गई डीएमआर ग्रेड हाई स्ट्रेंथ प्लेट जहाजों के निचले हिस्से में लगा होता है।
वर्ष 2018-19 में इंडियन रजिस्ट्रार ऑफ शिपिंग द्वारा प्रमाणित आईआरएस ग्रेड प्लेट्स गार्डन रीच शिपिंग, कोलकाता को बीएसपी सप्लाई कर चुका है। जिसे नौसेना के डाइविंग सपोर्ट वेसल के निर्माण में उपयोग किया। डाइविंग सपोर्ट वेसल को पनडुब्बियों के रख रखाव के लिए उपयोग करते हैं।
समंदर की शान आईएनएस विशाखापट्टनम के नौसेना बेड़े में शामिल किए जाने से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ेगी। इसकी लंबाई 163 मीटर और वजन 7400 टन है। इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली एमआरसैम मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल जैसे अत्याधुनिक हथियार हैं। यह 75 फीसदी स्वदेशी हथियार से लैस है। इसकी स्पीड 30 नॉटिकल माइल्स की है।