बिना प्रशिक्षण के किए तबादला
यूनियन नेताओं ने कहा कि नई परियोजनाओं की ऑपरेशनल प्लानिंग, मैनपावर प्लानिंग व ट्रेनिंग का प्लान प्रोजेक्ट प्लान करते समय ही बनाया जाता है। बीएसी के एक्सपानशन प्रोजेक्ट को प्लान करते समय इसको गंभीरता से विचार नहीं किए। प्रबंधन ने आनन-फानन में दूसरे विभागों में काम कर रहे कर्मियों को बिना ट्रेनिंग दिए, नियम के खिलाफ तबादला किए। यहां तक की खेल व सांस्कृतिक विभाग जिन्हें संयंत्र के भीतर काम करने का कोई अनुभव नहीं है उन्हें भी इन विभागों में अस्थाई रूप से 3 माह के लिए भेजा, जिसका सीधा प्रभाव प्रोजेक्ट व उत्पादन पर पड़ा।
यूनियन नेताओं ने कहा कि नई परियोजनाओं की ऑपरेशनल प्लानिंग, मैनपावर प्लानिंग व ट्रेनिंग का प्लान प्रोजेक्ट प्लान करते समय ही बनाया जाता है। बीएसी के एक्सपानशन प्रोजेक्ट को प्लान करते समय इसको गंभीरता से विचार नहीं किए। प्रबंधन ने आनन-फानन में दूसरे विभागों में काम कर रहे कर्मियों को बिना ट्रेनिंग दिए, नियम के खिलाफ तबादला किए। यहां तक की खेल व सांस्कृतिक विभाग जिन्हें संयंत्र के भीतर काम करने का कोई अनुभव नहीं है उन्हें भी इन विभागों में अस्थाई रूप से 3 माह के लिए भेजा, जिसका सीधा प्रभाव प्रोजेक्ट व उत्पादन पर पड़ा।
प्रमाण देने के बाद भी नहीं माना प्रबंधन
यूनियन ने कहा कि एसीटी के पदनाम में परिवर्तन के लिए उच्च प्रबंधन से चर्चा कर पदनाम परिवर्तन के लिए 3 बार पत्र दिए हैं। सेलम, भद्रावती, दुर्गापुर में दिए गए पदनाम जूनियर ऑपरेटर कम टेक्नीशियन (जेओसीटी) का प्रमाण भी दिया है, लेकिन प्रबंधन इस दिशा में गंभीर नहीं है। यूनियन मान्यता में आती है, तो इस पदनाम में जरूरी परिवर्तन करवाएगी।
यूनियन ने कहा कि एसीटी के पदनाम में परिवर्तन के लिए उच्च प्रबंधन से चर्चा कर पदनाम परिवर्तन के लिए 3 बार पत्र दिए हैं। सेलम, भद्रावती, दुर्गापुर में दिए गए पदनाम जूनियर ऑपरेटर कम टेक्नीशियन (जेओसीटी) का प्रमाण भी दिया है, लेकिन प्रबंधन इस दिशा में गंभीर नहीं है। यूनियन मान्यता में आती है, तो इस पदनाम में जरूरी परिवर्तन करवाएगी।
खत्म हो जाती है दवा
यूनियन ने कहा कि बीएसपी के सेक्टर-९ हॉस्पिटल में एकाएक शुगर जैसे बीमारी की दवा समाप्त हो जाती है। दवाइयों की उपलब्धता तय करना चाहिए, बाहर से खरीदे जाने वाली दवाइयों के नियम में परिवर्तन किया जाना चाहिए। किसी दवा की कीमत हजार रुपए तक है, तो कर्मी उसे क्लेम करना नहीं चाहता, क्योंकि इसके लिए हॉस्पिटल के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके साथ कार्मिक विभाग में भी कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।
यूनियन ने कहा कि बीएसपी के सेक्टर-९ हॉस्पिटल में एकाएक शुगर जैसे बीमारी की दवा समाप्त हो जाती है। दवाइयों की उपलब्धता तय करना चाहिए, बाहर से खरीदे जाने वाली दवाइयों के नियम में परिवर्तन किया जाना चाहिए। किसी दवा की कीमत हजार रुपए तक है, तो कर्मी उसे क्लेम करना नहीं चाहता, क्योंकि इसके लिए हॉस्पिटल के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके साथ कार्मिक विभाग में भी कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।
लाइफ कवर स्कीम को फिर करें शुरू
यूनियन ने कहा कि जो सुविधाएं कर्मियों की बंद की गई है, उसे जल्द प्रबंधन बहाल करे। मेडिकल अनफिट होने वाले कर्मियों की लाइफ कवर स्कीम को बंद किए हैं, इसे शुरू किया जाए। इसकी वजह से कर्मचारी को एलसीएस वर्तमान में (ईडीएलआई) का लाभ नहीं मिलता। इस मौके पर यूनियन के डीके सिंह, धनंजय चतुर्वेदी, वीके सिंह, साजिद खान, लखविंदर सिंह, अशोक पंडा मौजूद थे।
यूनियन ने कहा कि जो सुविधाएं कर्मियों की बंद की गई है, उसे जल्द प्रबंधन बहाल करे। मेडिकल अनफिट होने वाले कर्मियों की लाइफ कवर स्कीम को बंद किए हैं, इसे शुरू किया जाए। इसकी वजह से कर्मचारी को एलसीएस वर्तमान में (ईडीएलआई) का लाभ नहीं मिलता। इस मौके पर यूनियन के डीके सिंह, धनंजय चतुर्वेदी, वीके सिंह, साजिद खान, लखविंदर सिंह, अशोक पंडा मौजूद थे।