बीएसपी का यह वही विभाग है, जहां बिजली सप्लाई व प्रकाश व्यवस्था के लिए जरूरी उपकरण का रखरखाव का काम भी करता है। उनमें से कुछ एचटी व एलटी सब स्टेशन में प्रकाश व्यवस्था न के बराबर है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
वर्षों से बंद है लाखों की जेएलजी मशीन
पीएसडी के बहुत से सब स्टेशन में 80 फीसदी लाइट खराब पड़ी है। कम प्रकाश व्यवस्था में बिजली के उपकरण में कार्य करना असुरक्षित है। बार-बार संज्ञान में लाने के बावजूद प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
पीएसडी के बहुत से सब स्टेशन में 80 फीसदी लाइट खराब पड़ी है। कम प्रकाश व्यवस्था में बिजली के उपकरण में कार्य करना असुरक्षित है। बार-बार संज्ञान में लाने के बावजूद प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
उपकरण को ठंडा रखने वाले वेंटीलेशन सिस्टम पड़े हैं बंद
अति आवश्यक वेंटीलेशन सिस्टम जो उपकरण को ठंडा रखने के लिए लगाए जाते हैं, वह बंद पड़े है। खबर मिली तो यूनियन ने इसे संज्ञान में लिया। यहां 132 केव्ही यार्ड में सुरक्षित कार्य करने के उद्देश्य से जेएलजी मशीन मंगवाई गई थी, जो लंबे समय से बंद पड़ी है।
अति आवश्यक वेंटीलेशन सिस्टम जो उपकरण को ठंडा रखने के लिए लगाए जाते हैं, वह बंद पड़े है। खबर मिली तो यूनियन ने इसे संज्ञान में लिया। यहां 132 केव्ही यार्ड में सुरक्षित कार्य करने के उद्देश्य से जेएलजी मशीन मंगवाई गई थी, जो लंबे समय से बंद पड़ी है।
अहम विभाग में टॉयलेट, सड़क, पानी तक हुए बेकार
एमएसडीएस-5 में कर्मियों को आने जाने के लिए रोड ही नहीं बनाई गई है। इससे श्रमिकों को कार्य स्थल पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पुराने व नए सब स्टेशनों जिसमें एलटी सब स्टेशन -6, 3, 14 व एच टी सब स्टेशन- 42, 41 में पीने की पानी की व्यवस्था तक नहीं है। वहीं विस्तारीकरण में आए सब स्टेशन में आधुनिक टॉयलेट बनाया गया है। 3 सालों से पानी की व्यवस्था नहीं होने से वह भी कबाड़ में तब्दील हो गए हैं। पीएसडी विभाग में नए टेंडर नहीं होने के कारण ठेका श्रमिक काम पर नहीं आ रहे, जिससे एचटी व एलटी सब स्टेशन व कार्यक्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप है।
एमएसडीएस-5 में कर्मियों को आने जाने के लिए रोड ही नहीं बनाई गई है। इससे श्रमिकों को कार्य स्थल पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पुराने व नए सब स्टेशनों जिसमें एलटी सब स्टेशन -6, 3, 14 व एच टी सब स्टेशन- 42, 41 में पीने की पानी की व्यवस्था तक नहीं है। वहीं विस्तारीकरण में आए सब स्टेशन में आधुनिक टॉयलेट बनाया गया है। 3 सालों से पानी की व्यवस्था नहीं होने से वह भी कबाड़ में तब्दील हो गए हैं। पीएसडी विभाग में नए टेंडर नहीं होने के कारण ठेका श्रमिक काम पर नहीं आ रहे, जिससे एचटी व एलटी सब स्टेशन व कार्यक्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप है।
अधिकारी के तर्क पर भिड़ गए कर्मचारी
यहां की दिक्कत को विभागीय सुरक्षा बैठक के दौरान श्रमिकों ने उठाया। इस पर विभागीय सुरक्षा अधिकारी उपमहाप्रबंधक पीके सिंह ने उनकी बातों को सुना और कहा कि श्रमिकों को पहले उत्पादन का टारगेट पूरा करना चाहिए। इसके बाद ही सुरक्षा के मुद्दे पर हल निकालने की बात कही। सुरक्षा अधिकारी के इस जवाब पर कर्मचारी भड़क गए, उन्होंने इसकी शिकायत उच्च प्रबंधन से भी की है।
यहां की दिक्कत को विभागीय सुरक्षा बैठक के दौरान श्रमिकों ने उठाया। इस पर विभागीय सुरक्षा अधिकारी उपमहाप्रबंधक पीके सिंह ने उनकी बातों को सुना और कहा कि श्रमिकों को पहले उत्पादन का टारगेट पूरा करना चाहिए। इसके बाद ही सुरक्षा के मुद्दे पर हल निकालने की बात कही। सुरक्षा अधिकारी के इस जवाब पर कर्मचारी भड़क गए, उन्होंने इसकी शिकायत उच्च प्रबंधन से भी की है।
सेफ्टी अधिकारी से मिले सीटू के नेता
पावर सिस्टम विभाग में मौजूद बदहाली को लेकर सीटू का प्रतिनिधि मंडल विभाग प्रमुख पीके बसु को पत्र सौंपा। इसकी सूचना इलेक्ट्रिकल के डीजीएम भादुडी, जीएम सेफ्टी टी पांड्याराजा को दी गई। समस्या का निराकरण जल्द करने मांग की। महाप्रबंधक ने जल्द निराकरण का आश्वासन दिया। इस मौके पर सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा, विभागीय संयोजक-योगेश सोनी, सचिव अनिल शेखर, सचिव-केवेंद्र सुंदर, सिराजुद्दीन, रेज्जी मैथ्यू, आरएन सूर्यवंशी मौजूद थे।
पावर सिस्टम विभाग में मौजूद बदहाली को लेकर सीटू का प्रतिनिधि मंडल विभाग प्रमुख पीके बसु को पत्र सौंपा। इसकी सूचना इलेक्ट्रिकल के डीजीएम भादुडी, जीएम सेफ्टी टी पांड्याराजा को दी गई। समस्या का निराकरण जल्द करने मांग की। महाप्रबंधक ने जल्द निराकरण का आश्वासन दिया। इस मौके पर सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा, विभागीय संयोजक-योगेश सोनी, सचिव अनिल शेखर, सचिव-केवेंद्र सुंदर, सिराजुद्दीन, रेज्जी मैथ्यू, आरएन सूर्यवंशी मौजूद थे।