सेक्टर-9 हॉस्पिटल में किए दाखिल
बीएसपी के इस्पात भवन में बुधवार की सुबह अधिकारी से ट्रांसफर रद्द करने की मांग करने गया स्टॉफ अटेंडेट बिसहत राम बेहोश हो गया। मौजूद कर्मियों ने उसे उठाकर पहले मेन मेडिकल पोस्ट लेकर गए। इसके बाद सेक्टर-९ हॉस्पिटल के वार्ड ए-3 में दाखिल किए। जहां से गुरुवार को उसको छुट्टी दी गई।
बीएसपी के इस्पात भवन में बुधवार की सुबह अधिकारी से ट्रांसफर रद्द करने की मांग करने गया स्टॉफ अटेंडेट बिसहत राम बेहोश हो गया। मौजूद कर्मियों ने उसे उठाकर पहले मेन मेडिकल पोस्ट लेकर गए। इसके बाद सेक्टर-९ हॉस्पिटल के वार्ड ए-3 में दाखिल किए। जहां से गुरुवार को उसको छुट्टी दी गई।
आंख में है दिक्कत
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस में लंबे समय तक काम करने के बाद बिसहत राम की आंखों में तकलीफ हुई। चिकित्सकों ने आंख का ऑपरेशन कर लैंस लगाने कहा। इसके साथ-साथ बीएसपी के मेडिकल बोर्ड ने इस कर्मचारी को अनफिट घोषित कर दिया।
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस में लंबे समय तक काम करने के बाद बिसहत राम की आंखों में तकलीफ हुई। चिकित्सकों ने आंख का ऑपरेशन कर लैंस लगाने कहा। इसके साथ-साथ बीएसपी के मेडिकल बोर्ड ने इस कर्मचारी को अनफिट घोषित कर दिया।
डिग्रेट कर भेजे प्रिंटिंग प्रेस में
अनफिट होने की वजह से इस कर्मचारी को ग्रेड एस-९ से डिग्रेड कर एस-8 करते हुए प्रिंटिंग प्रेस ट्रांसफर किया गया। चिकित्सक ने संयंत्र में काम करने से कैमिकल का असर आंख पर होने की आशंका जताई थी। जिसके कारण उसे संयंत्र के बाहर किया गया। इस्पात भवन के जी सेक्शन में इसे रवाना किए।
अनफिट होने की वजह से इस कर्मचारी को ग्रेड एस-९ से डिग्रेड कर एस-8 करते हुए प्रिंटिंग प्रेस ट्रांसफर किया गया। चिकित्सक ने संयंत्र में काम करने से कैमिकल का असर आंख पर होने की आशंका जताई थी। जिसके कारण उसे संयंत्र के बाहर किया गया। इस्पात भवन के जी सेक्शन में इसे रवाना किए।
नए अधिकारी ने आते ही निकाला ट्रांसफर आर्डर
पीडि़त कर्मचारी ने बताया कि नए अधिकारी ने आते ही अपने एक कर्मचारी को संयंत्र से अपने पास बुला लिया। इसके बाद बिसहत का ट्रांसफर संंयंत्र में करने के लिए 11 अप्रैल 2019 को आर्डर निकाल दिया।
पीडि़त कर्मचारी ने बताया कि नए अधिकारी ने आते ही अपने एक कर्मचारी को संयंत्र से अपने पास बुला लिया। इसके बाद बिसहत का ट्रांसफर संंयंत्र में करने के लिए 11 अप्रैल 2019 को आर्डर निकाल दिया।
रिटायर्ड होने बचा है सिर्फ 2 साल
पीडि़त कर्मचारी को यह जानकारी मिली, तो वह परेशान हो गया। उसने बताया कि डॉक्टर ने कैमिकल से आंख को नुकसान होने की बात कही है। इस वजह से संयंत्र में काम करना उसके स्वस्थ्य के लिए घातक है। डिग्रेड का नुकसान भी उसे इस वजह से ही उठाना पड़ा है। पूरा जीवन संयंत्र में काम किया है। अनफिट होने के बाद रिटायर्ड होने से 2 साल पहले उसे संंयंत्र भेजा जा रहा है, जिससे उसकी आंख जा भी सकती है।
पीडि़त कर्मचारी को यह जानकारी मिली, तो वह परेशान हो गया। उसने बताया कि डॉक्टर ने कैमिकल से आंख को नुकसान होने की बात कही है। इस वजह से संयंत्र में काम करना उसके स्वस्थ्य के लिए घातक है। डिग्रेड का नुकसान भी उसे इस वजह से ही उठाना पड़ा है। पूरा जीवन संयंत्र में काम किया है। अनफिट होने के बाद रिटायर्ड होने से 2 साल पहले उसे संंयंत्र भेजा जा रहा है, जिससे उसकी आंख जा भी सकती है।
तनाव में बिगड़ी तबीयत
पीडि़त ने बताया कि इस तनाव की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह संबंधित अधिकारी से मिलकर निवेदन कर रहा था कि संयंत्र में उसका ट्रांसफर न करें। वह इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। इस बात के दौरान ही तबीयत बिगड़ गई। अब डॉक्टर ने कहा है कि आंख की जांच फिर कराओ।
पीडि़त ने बताया कि इस तनाव की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। वह संबंधित अधिकारी से मिलकर निवेदन कर रहा था कि संयंत्र में उसका ट्रांसफर न करें। वह इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। इस बात के दौरान ही तबीयत बिगड़ गई। अब डॉक्टर ने कहा है कि आंख की जांच फिर कराओ।
आईआर विभाग ने लिया संज्ञान में
इस मामले की सूचना आईआर विभाग को भी मिली है। वे इस विषय में संबंधित विभाग के अधिकारी से बात कर रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि जिस कर्मचारी को मेडिकल अनफिट होने की वजह से डिग्रेट किए और संयंत्र से बाहर तबादला किए, उसे जबरदस्ती अधिकारी किस तरह से संयंत्र में भेज सकते हैं।
इस मामले की सूचना आईआर विभाग को भी मिली है। वे इस विषय में संबंधित विभाग के अधिकारी से बात कर रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि जिस कर्मचारी को मेडिकल अनफिट होने की वजह से डिग्रेट किए और संयंत्र से बाहर तबादला किए, उसे जबरदस्ती अधिकारी किस तरह से संयंत्र में भेज सकते हैं।