scriptआधी-अधूरी तैयारी से अपनी जमीन बचाने आए बीएसपी के अफसर | BSP officers came to save their land in half-finished preparations | Patrika News

आधी-अधूरी तैयारी से अपनी जमीन बचाने आए बीएसपी के अफसर

locationभिलाईPublished: Jul 08, 2020 08:33:27 am

Submitted by:

Abdul Salam

दो एल्डरमेन ने किया सवाल, जवाब दे नहीं सके बैरंग लौटे.

आधी-अधूरी तैयारी में अपनी जमीन बचाने आए बीएसपी के अफसर

आधी-अधूरी तैयारी में अपनी जमीन बचाने आए बीएसपी के अफसर

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र की खुर्सीपार में मौजूद जमीन पर नगर पालिक निगम, भिलाई एक डोम व घेरा बनाने की तैयारी कर रहा है। बीएसपी ने अब तक इसके लिए अनुमति नहीं दिया है। बीएसपी के इंफोर्समेंट की टीम मंगलवार को इस जमीन पर अपना बोर्ड लगाने और घेरा लगाने के लिए पहुंची। मौके पर चार सीमेंट के पोल ही गाड़े थे, कि दो एल्डरमेन वहां पहुंचे। उन्होंने चंद सवाल किए। जिसे सुनकर बीएसपी की टीम बैरंग लौट गई।

45 लाख की लागत से डोम व घेरा बनाने की तैयारी
खुर्सीपार में बीएसपी के पुराने हॉस्पिटल के भवन को तोड़कर मौके पर करीब 45 लाख की लागत से डोम व घेरा बनाने की तैयारी नगर पालिक निगम, भिलाई कर रहा है। बीएसपी ने इसके लिए अनुमति नहीं दिया है। जब यह बात पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। तब बीएसपी की इंफोर्समेंट टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची। वह भी आधी-अधूरी तैयारी में, बोर्ड लेकर आए, तो साथ में कलर नहीं लाए थे। कलर का इंतजार करते अधिकारी बैठे थे, तब तक एल्डरमेन पहुंच गए।

क्या पूछा एल्डरमेन ने
एल्डरमेन राकेश राय, सुनील गोयल मौके पर पहुंचे। उन्होंने बीएसपी के इंफोर्समेंट टीम के अधिकारी विजय शर्मा से पूछा कि जब यहां जर्जर भवन में अपराध हो रहा था। तब कहां थे। इतने दिनों से निगम यहां काम करवा रही है, तब क्यों नहीं आए। अब सब बराबर कर विकास का काम शुरू किया जा रहा है, तब बोर्ड लेकर आए हो। नगर निगम जो काम कर रही है, क्या वह गलत काम कर रही है। इन सवालों का अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। असल में बीएसपी की टीम जब कहीं भी काम शुरू होता है, तब नहीं जाती। जिसकी वजह से उनको मूंह की खानी पड़ती है। इस बीच खुर्सीपार से थाना प्रभारी पहुंचे। उन्होंने बीएसपी अधिकारियों से कहा कि विधायक जी के साथ बैठकर चर्चा कर लो। तब इंफोर्समेंट की टीम लौट गई।

इंफोर्समेंट की भारी-भरकम टीम
बीएसपी के इंफोर्समेंट के पास भारी-भरकम टीम है। जिसमें तीन अफसरों के साथ करीब 15 रेग्यूलर कर्मचारियों की मौजूदगी रहती है। अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्रवाई के दौरान करीब 12 सुरक्षा कर्मचारी का भी उपयोग किया जाता है। इस टीम के जिम्मे बीएसपी की जमीन और मकानों को कब्जा होने से रोकना है। टीम बड़े अधिकारी के आदेश का इंतजार करते पूरा दिन निकाल देती है। इस दौरान बीएसपी के आवासों पर कब्जा होता जा रहा है। जमीन भी सबसे अधिक नेवई क्षेत्र में कब्जा हो रही है।

बीएसपी कर रहा 1 करोड़ खर्च
तोडफ़ोड़ विभाग में रेग्यूलर कर्मियों पर हर साल करीब १ करोड़ रुपए वेतन के तौर पर भुगतान किया जा रहा है। इसी तरह से सुरक्षा कर्मियों पर भी साल में करीब लाखों रुपए खर्च हो रहा है। वहीं यह टीम प्रबंधन की मंशा के मुताबिक जमीन व आवासों को कब्जा होने से बचा नहीं पा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो