कोरोना काल में भिलाई इस्पात संयंत्र का लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) जीवनदायिनी बना हुआ है। यहां संयंत्र प्रबंधन द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट-2 तथा बिल्ड ओन व ऑपरेट अर्थात बीओओ आधारित ऑक्सीजन प्लांट-3 से एलएमओ का निरन्तर उत्पादन किया जा रहा था। दोनों प्लांट की मापित उत्पादन क्षमता लगभग 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन है, लेकिन कोविड-19 के गहराते संकट और समय के तकादे को देखते हुए संयंत्र इससे अधिक लगभग 350 मीट्रिक टन एलएमओ का उत्पादन रोज किया गया। अब एक बार फिर संयंत्र एलएमओ का उत्पादन बढ़ाने तैयार है।
बीएसपी के ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति से जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 में हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकी है। यहां अभी तक 11,290 सिलेंडर की सप्लाई की गई है। कोरोना के गंभीर मरीजों के साथ ही अन्य क्रिटिकल बीमारियों में भी इसका उपयोग लोगों के जीवन बचाने में किया जा रहा है।
इसी तरह बीएसपी दुर्ग जिला प्रशासन को भी मदद स्वरूप आकस्मिक रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर्स उपलब्ध कराता रहा है। अभी तक 2295 सिलेंडर्स जिला प्रशासन को मुफ्त उपलब्ध करवाया गया। इससे विभिन्न निजी व सरकारी अस्पतालों के वार्डों से लेकर आईसीयू तक इन ऑक्सीजन सिलेंडर्स ने हजारों मरीजों का जीवन बचाया है। सुबीर कुमार दरीपा, महाप्रबंधक, जनसंपर्क विभाग बीएसपी ने बताया कि दिसंबर 2021 में संयंत्र से 1900 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और 220 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई है। यह नवंबर 2021 की तुलना में सौ प्रतिशत अधिक है यानि नवंबर में ऑक्सीजन की डिमांड नहीं थी। आगे किसी भी तरह की जरूरत के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
बीएसपी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में संचालित अस्पतालों में लोगों के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
राज्य- एलएमओ
छत्तीसगढ़- 8700
तेलंगाना-12,200
मध्यप्रदेश -7620
महाराष्ट्र -7100
आंध्रप्रदेश- 1500
तमिलनाडु-1000
उत्तरप्रदेश -464
हरियाणा- 600
ओडिशा-190
गुजरात – 400
कर्नाटक- 123
(लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के आंकड़े मीट्रिक टन में)