भिलाई

तीसरी लहर में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए BSP तैयार, कोरोना की दूसरी लहर में 1.28 लाख से भी अधिक उखड़ती सांसों को दिया था जीवन

BSP अपने ऑक्सीजन प्लांट-2 तथा मेसर्स प्रॉक्सएयर द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट-3 से अगस्त-2020 से 19 अक्टूबर 2021 तक कुल 40 हजार मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति छत्तीसगढ़ सहित देश के दर्जनभर से अधिक राज्यों को किया।

भिलाईJan 16, 2022 / 08:04 am

Dakshi Sahu

तीसरी लहर में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए BSP तैयार, कोरोना की दूसरी लहर में 1.28 लाख से भी अधिक उखड़ती सांसों को दिया था जीवन

भिलाई. वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर की विषम परिस्थितियों में अपने तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) से लगभग 1.28 लाख से भी अधिक उखड़ती सांसों को नया जीवन देने वाला भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai steel Plant) एक बार फिर लोगों की मदद को तैयार है। हालांकि यह अच्छी बात है कि अभी तीसरी लहर में कोरोना संक्रमितों को तरल मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं के बराबर पड़ रही है, लेकिन स्थिति से निपटने प्रबंधन ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है। बीएसपी अपने ऑक्सीजन प्लांट-2 तथा मेसर्स प्रॉक्सएयर द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट-3 से अगस्त-2020 से 19 अक्टूबर 2021 तक कुल 40 हजार मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति छत्तीसगढ़ सहित देश के दर्जनभर से अधिक राज्यों को किया। इसके बाद कोरोना थम जाने से महीनेभर नवंबर 2021 में कहीं भी तरल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। दिसंबर में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत होते ही पूरा देश एक बार फिर बीएसपी की तरफ आशाभरी निगाहों से देखना लगा है। नवंबर में जहां डिमांड शून्य हो गया था, दिसंबर 2021 में अचानक से 1900 टन एलएमओ की मांग आई और बीएसपी ने तुरंत भेज भी दिया। इसके अलावा 220 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजा गया है।
ऑक्सीजन का किया जा रहा उत्पादन
कोरोना काल में भिलाई इस्पात संयंत्र का लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) जीवनदायिनी बना हुआ है। यहां संयंत्र प्रबंधन द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट-2 तथा बिल्ड ओन व ऑपरेट अर्थात बीओओ आधारित ऑक्सीजन प्लांट-3 से एलएमओ का निरन्तर उत्पादन किया जा रहा था। दोनों प्लांट की मापित उत्पादन क्षमता लगभग 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन है, लेकिन कोविड-19 के गहराते संकट और समय के तकादे को देखते हुए संयंत्र इससे अधिक लगभग 350 मीट्रिक टन एलएमओ का उत्पादन रोज किया गया। अब एक बार फिर संयंत्र एलएमओ का उत्पादन बढ़ाने तैयार है।
सेक्टर-9 अस्पताल में लौटी हजारों सांसें
बीएसपी के ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति से जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 में हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकी है। यहां अभी तक 11,290 सिलेंडर की सप्लाई की गई है। कोरोना के गंभीर मरीजों के साथ ही अन्य क्रिटिकल बीमारियों में भी इसका उपयोग लोगों के जीवन बचाने में किया जा रहा है।
जिला प्रशासन को दिया 2250 सिलेंडर्स
इसी तरह बीएसपी दुर्ग जिला प्रशासन को भी मदद स्वरूप आकस्मिक रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर्स उपलब्ध कराता रहा है। अभी तक 2295 सिलेंडर्स जिला प्रशासन को मुफ्त उपलब्ध करवाया गया। इससे विभिन्न निजी व सरकारी अस्पतालों के वार्डों से लेकर आईसीयू तक इन ऑक्सीजन सिलेंडर्स ने हजारों मरीजों का जीवन बचाया है। सुबीर कुमार दरीपा, महाप्रबंधक, जनसंपर्क विभाग बीएसपी ने बताया कि दिसंबर 2021 में संयंत्र से 1900 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और 220 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई है। यह नवंबर 2021 की तुलना में सौ प्रतिशत अधिक है यानि नवंबर में ऑक्सीजन की डिमांड नहीं थी। आगे किसी भी तरह की जरूरत के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
दूसरे प्रदेशों के लिए भी है लाइफ लाइन
बीएसपी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में संचालित अस्पतालों में लोगों के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
राज्य- एलएमओ
छत्तीसगढ़- 8700
तेलंगाना-12,200
मध्यप्रदेश -7620
महाराष्ट्र -7100
आंध्रप्रदेश- 1500
तमिलनाडु-1000
उत्तरप्रदेश -464
हरियाणा- 600
ओडिशा-190
गुजरात – 400
कर्नाटक- 123
(लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के आंकड़े मीट्रिक टन में)

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