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बीएसपी आठ माह में उत्पादन से 9 लाख पिछड़ी

locationभिलाईPublished: Dec 11, 2018 08:35:54 am

बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस में तकनीकि दिक्कत की वजह से हॉट मेटल का उत्पादन जुलाई में करीब 45 फीसदी कम हुआ।

BHILAI

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भिलाई. हर साल लक्ष्य और क्षमता के रिकार्ड तोड़ देने वाला भिलाई इस्पात संयंत्र एक्सपांशन के बाद पहले के बराबर उत्पादन नहीं कर पा रहा है। पिछले आठ माह के उत्पादन पर नजर डालें, तो संयंत्र इसमें फिसड्डी साबित हुआ है। एमटी की एक्सपांशन योजना से पहले बीएसपी की जितनी भी उत्पादन क्षमता रही है, उससे अधिक उत्पादन कर बीएसपी ने रिकार्ड बनाया है। इस बार एक्सपांशन के बाद उत्पादन घटा है।
तकनीकि दिक्कत आया आड़े
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस में तकनीकि दिक्कत की वजह से हॉट मेटल का उत्पादन जुलाई में करीब 45 फीसदी कम हुआ। एकीकृत इस्पात संयंत्र होने की वजह से इसका असर हर ओर देखने को मिला। इसके बाद ही प्रबंधन ने पूरी ताकत ब्लास्ट फर्नेस की तकनीकि दिक्कत दूर करने में लगा दी। ब्लास्ट फर्नेस-8 अब तक क्षमता के मुताबिक उत्पादन नहीं दे पाया है, जिससे एक्सपांशन के बाद भी जिस तरह का रिजल्ट आना चाहिए, वह देखने को नहीं मिला है।
गैस हादसे का भी पड़ा असर
बीएसपी में 9 अक्टूबर 2018 को गैस हादसा हुआ। इस हादसे के बाद कर्मियों में नाराजगी देखने को मिली। 14 मौतों ने कर्मियों को तोड़ दिया। इसकी वजह से जितने उत्पादन की उम्मीद की जा रही थी, उससे उत्पादन कम हुआ। उत्पादन एक लाख से अधिक पिछड़ा।
संकट के दौर से गुजर रहा बीएसपी
बीएसपी संकट के दौर से गुजर रहा है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने अप्रैल से नवंबर के मध्य 8 माह में 3957,000 टन उत्पादन का पीछा करते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र ने आठ माह में महज ३०,४४,१५७ टन उत्पादन किया है। इस तरह से उत्पादन को लेकर सेल ने जो टारगेट दिया था, उससे बीएसपी ९,१२,८४३ टन पीछे चल रहा है। इस तरह हर माह सवा लाख टन हॉट मेटल का उत्पादन कम हो रहा है।
चार माह में करना है 3405843 टन हॉट मेटल
वित्तीय वर्ष 2018-19 के खत्म होने में अब महज एक तिमाही ही शेष है। आठ माह के दौरान उत्पादन अधिक रखने की उम्मीद में जहां बीएसपी के श्रमवीरों की जान चली गई। वहीं प्रबंधन ने किसी भी माह १ टन तक हॉट मेटल टारगेट से अधिक उत्पादन नहीं किया। बीएसपी ने वित्त वर्ष नवंबर 201५-1६ में हॉटमेटल का उत्पादन 49 लाख टन किया था। नवंबर 2018-19 में 42 लाख टन उत्पादन हुआ है। एक्सपांशन के बाद हॉट मेटल के उत्पादन में यहां कमी साफ देखी जा सकती है।
उत्पादन बढ़ाने का यह है तरीका
उत्पादन में गिरावट की बड़ी वजह डेली रिवार्ड स्कीम को बंद कर देना है। रिकार्ड के लिए कर्मचारी उत्पादन के क्षेत्र में हर दूसरे माह में नया आयाम गढ़ देते थे। वेतन समझौते पर चर्चा नहीं होने से कमियों में कोई उत्साह नहीं रह गया है।
अफसर भी नाराज
वेज रिवीजन नहीं होने से बीएसपी के अधिकारी भी नाराज हैं। जूनियर अधिकारियों में सम्मानजनक पदनाम को लेकर गुस्सा जग-जाहिर है। छुट्टी के नकदीकरण का मामला भी अधर में है।

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