scriptरक्षा क्षेत्र में BSP की एक और बड़ी उपलब्धि, फौलादी लोहे से बना स्वदेशी युद्धपोत INS कावरत्ती नौसेना के बेड़े में शामिल | BSP's iron-based indigenous warship INS Kavaratti joins indian Navy | Patrika News

रक्षा क्षेत्र में BSP की एक और बड़ी उपलब्धि, फौलादी लोहे से बना स्वदेशी युद्धपोत INS कावरत्ती नौसेना के बेड़े में शामिल

locationभिलाईPublished: Oct 25, 2020 10:21:49 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

INS Kavaratti submarine : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने विशाखापट्नम में भारतीय नौसेना में देश में बनी कमोर्टा क्लास की चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (एएसडब्ल्यू) में से आखिरी आईएनएस कावरत्ती को शामिल किया।

रक्षा क्षेत्र में BSP की एक और बड़ी उपलब्धि, फौलादी लोहे से बना स्वदेशी युद्धपोत INS कावरत्ती नौसेना के बेड़े में शामिल

रक्षा क्षेत्र में BSP की एक और बड़ी उपलब्धि, फौलादी लोहे से बना स्वदेशी युद्धपोत INS कावरत्ती नौसेना के बेड़े में शामिल

भिलाई. भिलाई बिरादरी के लिए एक और गौरव की बात है। 22 अक्टूबर भारतीय नौसेना और हमारे देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने की एक महत्वपूर्ण तारीख साबित हुई है। इस दिन थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने विशाखापट्नम में भारतीय नौसेना में देश में बनी कमोर्टा क्लास की चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (एएसडब्ल्यू) में से आखिरी आईएनएस कावरत्ती को शामिल किया। यह सेल व बीएसपी के लिए एक गौरवशाली मुकाम है क्योंकि यह युद्धपोत हमारे भिलाई इस्पात संयंत्र के लोहे से बना है। (Bhilai steel Plant)
मेड इन इंडिया के तहत बीएसपी ने किया उत्पादन
भिलाई इस्पात संयंत्र सहित संपूर्ण सेल बिरादरी के लिए यह गर्व का विषय है कि इस मेड इन इंडिया के तहत निर्मित कमोर्टा क्लास की चार 4 जंगी जहाजों के निर्माण में बीएसपी के प्लेट मिल से निर्मित 4700 टन डीएमआर प्लेटों का उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त 865 टन डीएमआर प्लेट राउरकेला स्टील प्लांट तथा 7200 टन बोकारो स्टील प्लांट से उत्पादित इस्पात का प्रयोग इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना में किया गया है। विदित हो कि एक युद्धपोत के निर्माण में लगभग 2500 टन स्टील प्रयुक्त होता है। इससे पूर्व भी बीएसपी व आरएसपी ने युद्धपोत निर्माण के लिए डीएमआर प्लेटों की आपूर्ति की है।
दुश्मन के राडार की पकड़ में नहीं आ सकता
भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने आईएनएस कावरत्ती को भारतीय नौसेना के सुपुर्द करते हुए कहा कि पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस ये स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस कावरत्ती कई मायनों में बेहद खास है। ये एक स्टील्थवार शिप है यानी ये दुश्मन के राडार की पकड़ में नहीं आ सकता है। इसका डिजाइन डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने तैयार किया था और इसको कोलकाता के गार्डन रिच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है। सेना प्रमुख ने आगे बताया कि यह 90 प्रतिशत स्वदेशी युद्धपोत है। इस युद्धपोत में ऐसे सेंसर भी लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने के साथ-साथ उनका पीछा करने में सक्षम हैं।
रक्षा क्षेत्र में BSP की एक और बड़ी उपलब्धि, फौलादी लोहे से बना स्वदेशी युद्धपोत INS कावरत्ती नौसेना के बेड़े में शामिल
दुश्मनों को करारा जवाब मिलेगा
भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल आईएनएस-कावरत्ती से दुश्मनों को करारा जवाब मिलेगा। देश की सुरक्षा सुदृढ़ होगी। आईएनएस कावरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें 4 डीजल इंजन लगे हैं इसका वजन 3250 टन है। नौसेना में इसके शामिल हो जाने से नेवी की ताकत काफी बढ़ जाएगी। इस ताकत को बढ़ाने में देश के प्रतिष्ठित इस्पात कंपनी सेल की भिलाई इकाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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