घाटे को किया कम वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी ने अपने घाटे को करीब 83 फीसदी कम किया है, जिससे कंपनी का एकल आधार पर कर के बाद लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के (-) 2833 करोड़ के मुकाबले बढ़कर (-) 482 करोड़ हो गया। कंपनी का समेकित कर के बाद लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के (-) 2756 करोड़ के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर (-) 281 करोड़ दर्ज किया गया।
इस्पात की खपत में ७.८ फीसदी का हुआ इजाफा सेल चेयरमैन ने कहा कि घरेलू इस्पात की मांग में इजाफा के पीछे सबसे बड़ा योगदान भारत के बुनियादी निर्माण के क्षेत्र में जारी तेज विकास का है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान गहन इस्पात क्षेत्रों की बढ़ती गतिविधियों के चलते घरेलू तैयार इस्पात खपत में 7.8 फीसदी का इजाफा हुआ है, घरेलू इस्पात की मांग बढ़ी है। सेल देश का भरोसेमंद इस्पात आपूर्तिकर्ता बना रहेगा और सेल इस्पात का इस्तेमाल देश की प्रमुख विकास परियोजनाओं में किया जा रहा है।
सेल की इकाइयां कर रही बेहतर उत्पादन बीएसपी का नया ब्लास्ट फर्नेस-8 (महामाया) और स्टील मेल्टिंग शॉप-3 वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान चालू किया गया और अपनी नई रेल मिल से भारतीय रेलवे को लंबे रेल पैनल (260 मीटर) की आपूर्ति करते हुए, वित्त वर्ष 2017-18 में करीब 112 फीसदी की इजाफा दर्ज की।
दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के व्हील और एक्सेल प्लांट में नैरोगेज व्हील और स्ट्रक्चरल मिल (एमएसएम) में ई-350 ग्रेड के उच्च शक्ति स्ट्रक्चरल का विकास आंतरिक संसाधनों से किए।
राउरकेला इस्पात संयंत्र की नई प्लेट मिल ने वित्त वर्ष 2017-18 में 8 लाख टन से अधिक प्लेट का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 48.1 फीसदी अधिक है। साथ ही, यूरोपियन बाजार के लिए 1,27,000 टन सीई माक्डऱ् प्लेट का निर्यात भी किया है।
बोकारो इस्पात संयंत्र ने अपने बेहतर उत्पादन के लगातार प्रयासों से 32.76 लाख टन (पिछला सर्वाधिक उत्पादन 29.90 लाख टन) कास्ट स्लैब का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। साथ ही, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 7.76 लाख टन मुकाबले अब तक का सर्वाधिक 9.16 लाख टन सीआर कॉइल का उत्पादन किया है।