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सेल बना रहेगा देश के बुनियादी निर्माण का भरोसेमंद साझीदार

locationभिलाईPublished: Sep 21, 2018 01:00:49 am

Submitted by:

Bhuwan Sahu

सेल बोर्ड की वार्षिक बैठक में शेयरधारकों को सेल अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने वित्त वर्ष 2017-18 में 5,184 करोड़ रुपए मुनाफा दर्ज किया।

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सेल बना रहेगा देश के बुनियादी निर्माण का भरोसेमंद साझीदार

भिलाई . स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) बोर्ड की 46 वीं वार्षिक बैठक में शेयरधारकों को सेल अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सरस्वती प्रसाद ने कहा कि परिचालन लाभप्रदता में सुधार के लिए लगातार अपनाए गए रणनीतिक दृष्टिकोण के चलते सेल ने वित्त वर्ष 2017-18 में 5,184 करोड़ रुपए मुनाफा दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में महत्वपूर्ण इजाफा है।
उन्होंने कहा कि कंपनी का बेहतर परिचालन व इस्पात उत्पादन में इजाफा, कंटीन्यूअस कास्टिंग रूट से उत्पादन की अधिक हिस्सेदारी, बेहतर उत्पाद-मिश्र, ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में सुधार, कोक दर और ऊर्जा खपत में कमी, श्रम लागत में कमी संचालन के आयामों में सुधार से हासिल हुआ है।
उन्होंने कहा कि सेल ने अपने शेष आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण काम को करीब पूरा कर लिया है। नई सुविधाओं के चालू होने और परिचालनगत उत्पादन में पिछले रिकाड्र्स से अधिक निष्पादन करने के जरिये वित्त वर्ष 2017-18 कई लैंडमार्क उपलब्धियों का गवाह बना। सेल ने अब तक का सर्वाधिक 159.83 लाख टन हॉट मेटल, 150.21 लाख टन कच्चा इस्पात और 140.71 लाख टन विक्रय इस्पात उत्पादन हासिल किया है। साथ ही, सेल ने कंटीन्यूअस कास्टिंग रूट से वित्त वर्ष 2016-17 तक के सर्वाधिक 117.7 लाख टन इस्पात उत्पादन के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में 9 फीसदी की वृद्धि करते हुए सर्वाधिक 128 लाख टन इस्पात उत्पादन किया है। उन्होंने कहा सेल के सभी संयंत्रों की उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में की गई पहलों से हर इकाई और बेहतर हुई है।
घाटे को किया कम

वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी ने अपने घाटे को करीब 83 फीसदी कम किया है, जिससे कंपनी का एकल आधार पर कर के बाद लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के (-) 2833 करोड़ के मुकाबले बढ़कर (-) 482 करोड़ हो गया। कंपनी का समेकित कर के बाद लाभ वित्त वर्ष 2016-17 के (-) 2756 करोड़ के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर (-) 281 करोड़ दर्ज किया गया।
इस्पात की खपत में ७.८ फीसदी का हुआ इजाफा

सेल चेयरमैन ने कहा कि घरेलू इस्पात की मांग में इजाफा के पीछे सबसे बड़ा योगदान भारत के बुनियादी निर्माण के क्षेत्र में जारी तेज विकास का है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान गहन इस्पात क्षेत्रों की बढ़ती गतिविधियों के चलते घरेलू तैयार इस्पात खपत में 7.8 फीसदी का इजाफा हुआ है, घरेलू इस्पात की मांग बढ़ी है। सेल देश का भरोसेमंद इस्पात आपूर्तिकर्ता बना रहेगा और सेल इस्पात का इस्तेमाल देश की प्रमुख विकास परियोजनाओं में किया जा रहा है।
सेल की इकाइयां कर रही बेहतर उत्पादन

बीएसपी का नया ब्लास्ट फर्नेस-8 (महामाया) और स्टील मेल्टिंग शॉप-3 वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान चालू किया गया और अपनी नई रेल मिल से भारतीय रेलवे को लंबे रेल पैनल (260 मीटर) की आपूर्ति करते हुए, वित्त वर्ष 2017-18 में करीब 112 फीसदी की इजाफा दर्ज की।
दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के व्हील और एक्सेल प्लांट में नैरोगेज व्हील और स्ट्रक्चरल मिल (एमएसएम) में ई-350 ग्रेड के उच्च शक्ति स्ट्रक्चरल का विकास आंतरिक संसाधनों से किए।
राउरकेला इस्पात संयंत्र की नई प्लेट मिल ने वित्त वर्ष 2017-18 में 8 लाख टन से अधिक प्लेट का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 48.1 फीसदी अधिक है। साथ ही, यूरोपियन बाजार के लिए 1,27,000 टन सीई माक्डऱ् प्लेट का निर्यात भी किया है।
बोकारो इस्पात संयंत्र ने अपने बेहतर उत्पादन के लगातार प्रयासों से 32.76 लाख टन (पिछला सर्वाधिक उत्पादन 29.90 लाख टन) कास्ट स्लैब का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। साथ ही, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 7.76 लाख टन मुकाबले अब तक का सर्वाधिक 9.16 लाख टन सीआर कॉइल का उत्पादन किया है।
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