इंफ्रारेड कैमरे से लैस ड्रोन से होगी अब बीएसपी की निगरानी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के स्थापना दिवस समारोह में बतौर अतिथि मौजूद ं संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने पत्रकारों से चर्चा में कई जानकारियां शेयर की।
भिलाई
Published: March 07, 2022 09:21:27 pm
भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र की सुरक्षा व्यवस्था और चाक चौबंद होगी। रात में पूरे संयंत्र की निगरानी अब इंफ्रारेड कैमरे से लैस ड्रोन से की जाएगी। सेल के विजन 2030 व आगामी विस्तार परियोजना के तहत संयंत्र के 40 से 60 साल पुराने हो चुके ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक 1, 2 एवं 3 के स्थान पर नए फर्नेस स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। साथ ही 60 एवं 80 के दशक में लगाए गए प्लांट का आधुनिकीकरण करने किया जाएगा। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के स्थापना दिवस समारोह में बतौर अतिथि मौजूद ं संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने पत्रकारों से चर्चा में कई जानकारियां शेयर की।
सवाल: संयंंत्र में चोरी शिकायत बढ़ रही है। विस्तार परियोजना के बाद सुरक्षा तंत्र को और अधिक मजबूत करने किए उपाय किए जा रहे हैं?
जवाब: इंफ्रारेड कैमरा से लैस ड्रोन रखा जाएगा ताकि प्लांट की निगरानी रात के समय भी पूरी मुस्तैदी के साथ की जा सके। कारखाने में ऐसे स्थान भी है जहां व्यक्ति का पहुंचना संभव नहीं है। छत के ऊपर चिमनी है। वहां आसानी से ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा सकती है। वहां की कमियों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।
सवाल: इंफ्रारेड कैमरा से लैस ड्रोन की क्या खासियत है?
जवाब: इंफ्रारेड कैमरे से लैस ड्रोन रात के अंधेरे में भी सब कुछ देख सकते हैं। एक जगह बैठकर इस ड्रोन के माध्यम से सब कुछ देख कर सीआईएसफ की क्विक रिस्पॉन्स टीम हर जगह जल्द से जल्द पहुंच सकती है। इतने बड़े कारखाने की निगरानी हमेशा मैनुअल मोड पर कर पाना असंभव है। ड्रोन इस कार्य में सहायता कर सकता है। ड्रोन का डेमोंसट्रेशन भी किया गया है। यह संयंत्र की सुरक्षा का बहुत ही उत्कृष्ट उपकरण है। इसका उपयोग कारखाने में और भी कई तरीके से किया जा सकता है। आगे चलकर सीआईएसएफ के माध्यम से कारखाने में और भी ड्रोन सुरक्षा व्यवस्था में रखे जाएंगे।
सवाल: भविष्य में संयंत्र की विस्तार परियोजनाओं के बारे में बताइए?
जवाब: प्लांट की उन्नति एवं तरक्की के लिए प्रबंधन हमेशा से ही प्रयासरत रहा है। फिलहाल सभी अत्याधुनिक इकाइयां पूरी क्षमता के साथ उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा पुराने 60 से 80 के दशक में बनी इकाइयों को मॉर्डनाइज करने का कार्य भी किया जाएगा। रेल मिल और प्लेट मिल में रिहीटिंग फर्नेस लगाया जाएगा। जो फर्नेस 40-50 साल पुराने हो चुके हैं उन्हें रिप्लेस किया जाएगा। ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक एक, दो एवं तीन की जगह पर नया ब्लास्ट फर्नेस लगाया जाएगा।
सवाल: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध का संयंत्र पर भी असर पड़ रहा है?
जवाब: रूस एवं यूक्रेन के मध्य चल रहा युद्ध चिंता का विषय है। ऊर्जा के सभी स्रोतों का दाम बढ़ रहा। कोयले की कीमत में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। कल ही कोयले का दाम बढ़कर 500 डॉलर तक पहुंच गया है। इसको ध्यान में रखते हुए हमारी कोशिश है कि कम से कम कोयले का उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा इस्पात बनाया जा सके।
सवाल: सीआईएसएफ और बीएसपी प्रबंधन के बीच समन्वय कैसा है?
जवाब: सीआईएसएफ सेल-बीएसपी का अभिन्न अंग है। सीआईएसएफ की उपस्थिति में सेल के सभी कारखाने हमेशा से सुरक्षित महसूस करते हैं। हर्ष का विषय है कि 10 मार्च को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसफ 53 वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। आज परेड का निरीक्षण, उसके पश्चात मार्च पास्ट और डेमोंसट्रेशन में डॉग स्क्वॉड की भूमिका देखी। इनका स्निफर, डिटेक्टर स्क्वॉड बहुत ही प्रंशसनीय है।

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