इस्पात श्रमिक मंच और छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कारपोरेट ऑफिस ने ट्रिब्यूनल में दायर केस के विषय में यूनियन को बताया है कि छुट्टी का नकदीकरण जल्द शुरू किया जा सकता है। शुरू में इसे 4 किश्तों में यानी तिमाही आधार पर शुरू करने पर विचार हो रहा है। महासचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि इस योजना को 2 किश्तों में शुरू किया जाए। जिससे कर्मियों को शैक्षणिक स्तर के शुरू में आर्थिक दिक्कत से राहत मिले।
परिवाद किया है दायर
मंच ने 2015 से इस विषय पर केंद्रीय श्रम उपायुक्त, रायपुर के समक्ष परिवाद दायर किया है। जिस पर प्रबंधन को निर्देश दिया था कि प्रबंधन यूनियन से 30 दिन के अंदर चर्चा कर मिन्ट्स की कॉपी आयुक्त कार्यालय में जमा करें। प्रबंधन और इस्पात श्रमिक मंच व एटक के मध्य परिवाद वार्ता असफल होने के बाद मामला जबलपुर के ट्रिब्यूनल कोर्ट में पहुंचा।
कंपनी की माली हालत कमजोर
प्रबंधन ने आयुक्त के समक्ष के कंपनी की माली हालत कमजोर होने को कारण बताया था और यूनियन से चर्चा नहीं की गई थी। यूनियन ने बताया कि जब कंपनी लाभ कमा रही है, तो कर्मियों को इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।
जानिए कब क्या हुआ
मंच व भिलाई स्टील मजदूर महासभा ने परिवाद दायर किया। जिसमें यूनियन ने तर्क दिया कि यूनियन को बिना सूचना दिए, सर्कुलर जारी किया गया कि छुट्टी का नकदीकरण बंद किया जाता है। सेल कॉर्पोरेट ऑफिस ने 27 नंवबर 2015 को इसका सर्कुलर जारी किया था। मंच ने रायपुर में 30 नवंबर 2015 को केस पुटअप किया। 2 दिसंबर 2015 को सुनवाई हुई। जिसमें प्रबंधन संतोष जनक जवाब नहीं दिया। 13 जून 2016 को श्रम मंत्रालय ने केस को ट्रिब्यूनल में रेफर किया। जिसमें अभी सुनवाई जारी है।
सेल बोर्ड में मामले को उठाने की अपील
संयुक्त यूनियन ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से सेल के कर्मियों के लिए छुट्टी का नकदीकरण कर्मियों को जल्द से जल्द आर्थिक राहत पहुंचाने की मांग की है। इस मौके पर एटक से विनोद सोनी, संघ से अखिल मिश्र, सर्वजीत सिंह, गिरिराज देशमुख, सीताराम साहू, विमल पांडे, किशोर मराठे मौजूद थे।