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बीएसपी कर्मचारी की बेवा जब फूट-फूट कर रो पड़ी

locationभिलाईPublished: Feb 23, 2019 12:20:35 am

Submitted by:

Abdul Salam

बीएसपी प्रबंधन ने कहा देरी से आए हो नहीं मिलेगी अब नौकरी। इस पर परिवार ने 26 अक्टूबर 2009 को दिए हुए पत्र की कॉपी दिखाई.

BHILAI

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भिलाई . बीएसपी के एसएमएस-1 में काम करने वाले दिलीप कुमार पुरकैत को 2009 किडनी की बीमारी ने घेरा। प्रबंधन ने उनको सेक्टर-9 में स्टॉफ अटेडेंट के तौर पर ड्यूटी दिया गया। जहां सेहत बिगड़ी तो 26 अक्टूबर 2009 को डॉक्टरों ने परमानेंट अनफिट घोषित किया। इस पर उन्होने बेटे को बदले में नौकरी देने आवेदन दिया।
बेटे की उम्र थी 17
बीएसपी कर्मचारी की पत्नी ने बताया कि 6 फरवरी 2010 को पति की मौत हो गई। बेटे की उम्र उस समय महज 17 साल थी। आवेदन देने पर बीएसपी प्रबंधन ने कहा कि अभी नाबालिग है, जब बालिग होगा, तब नौकरी दिया जाएगा।
ईएफबीएस का लाभ … ?
पीडि़त परिवार ने ईएफबीएस स्कीम का लाभ नहीं लिया। जिसके कारण उनको पति की मौत के बाद बेसिक व डीए भी नहीं मिला। परिवार बेटे की अनुकंपा नियुक्ति के लिए बालिग होने का इंतजार किए।
बालिग हुआ तो गए नौकरी मांगने
मां ने बताया कि बेटा बालिग हुआ तो अनुकंपा नियुक्ति के लिए 29 जून 2012 को प्रबंधन के पास गए। जहां उन्होंने कहा कि 6 माह के भीतर आवेदन करना था। देरी से आए हो नहीं मिलेगी अब नौकरी। इस पर परिवार ने 26 अक्टूबर 2009 को दिए हुए पत्र की कॉपी दिखाया।
लगवाया चक्कर
बीएसपी के भर्ती विभाग ने इसके बाद पीडि़त परिवार को प्रयास करने की बात कहकर चक्कर लगवाया। पीडि़त परिवार ने बताया कि लगातार दफ्तर जाते रहे, लेकिन प्रबंधन अलग-अलग वजह बताकर लौटाता रहा। पीडि़ता ने बताया कि पूछने पर सोनम ने बताया कि तमाम दस्तावेज भर्ती विभाग को भेज दिया गया है। जब भर्ती विभाग से पूछा गया, तो वहां के विकास चंद्रा ने बताया कि कोई दस्तावेज नहीं मिला है। तीन साल तक वे इस विषय पर चक्कर लगाते रहे।
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