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वेतन समझौता की मांग को लेकर बीएसपी कर्मचारी आक्रोशित

locationभिलाईPublished: Aug 26, 2018 03:31:34 pm

Submitted by:

Abdul Salam

सरकार जिद में जो बीएसपी कर्मचारी 1500 डिग्री तापमान जान जोखिम में डालकर उत्पादन करते हैं, उनको एफोर्डबिलिटी क्लॉज लगाकर वेतन समझौते से महरूम कर रहे हैं.

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी वेतन समझौता और पेंशन की मांग को लेकर बोरिया गेट चौक पर एकत्र हुए। यह कर्मचारी सरकार व सेल प्रबंधन के रवैये से आक्रोशित हैं। इस मौके पर यूनियन के अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने संयंत्र में प्रवेश कर रहे सभी कर्मचारियों से 7 सितंबर 2018 को होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की।
जान जोखिम में डालकर कर रहे कर्मचारी काम
इस मौके पर यूनियन नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार व प्रबंधन की जिद के कारण जो बीएसपी के कर्मचारी 1000 से 1500 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में सीमा रक्षक सैनिकों की तरह जान जोखिम में डालकर उत्पादन करते हैं व देश के विकास में अपना अहम योगदान देते हैं। ऐसे श्रम वीरों के ऊपर एफोर्डबिलिटी क्लॉज लगाकर वेतन समझौते में देरी की जा रही है।
लक्ष्य के नाम छला जा रहा
प्रबंधन को 3,000 करोड़ मुनाफा कमाने का लक्ष्य दिया जा रहा है, जबकि पिछले 10 साल के लाभ को देखा जाए तो लाभ 50 हजार करोड़ से ज्यादा हुआ है। अब तीन साल के मुनाफा के नाम पर वेतन समझौता रोकने का काम किया जा रहा है। यह कर्मियों को छला जाना है।
सरकार दूर करे खामियां
बीएसपी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रहे हैं। प्रबंधन और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि उनकी नीतियों में मौजूद खामियों को दूर कर, कर्मियों को बिना वजह दी जा रही सजा से मुक्त किया जाए। कर्मियों को जल्द से जल्द वेतन समझौते का लाभ दिलाने एनजेसीएस की बैठक शुरू की जाए।
दिल्ली तक जाकर करेंगे संघर्ष
बोरिया चौक पर श्रमिक नेताओं ने कहा कि कर्मचारी अपनी एकता और मेहनत के बल पर प्रबंधन और केंद्र सरकार को चुनौती देंगे। संयंत्र के कर्मचारियों व रिटायर्ड कर्मियों को अपने संयंत्र को बचाने और हक के लिए संघर्ष करना होगा। यह आवाज दिल्ली तक पहुंचाने की जरूरत है। आने वाले समय में सरकार प्लांट को किसी उद्योगपति को बेच देगी।
गिराया जा रहा कर्मियों का मनोबल
केंद्र सरकार ने अफोर्डिबिलिटी क्लोज महज स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) पर ही लागू किए हैं। सेल पर आश्रित फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) व मेकॉन जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के वेज रिविजन और पेंशन को लागू किया जा रहा है। इस प्रकार सेल के कर्मचारियों का मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्लोबल मार्केङ्क्षटग की गलत पॉलिसी से हुआ नुकसान
एचएमएस नेताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी इस मौके पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ग्लोबल मार्केटिंग की गलत नीति से भारतीय इस्पात उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रोजेक्ट में किसी एक कंपनी की जवाबदेही तय नहीं की गई, इसलिए विस्तार योजना का कार्य पिछड़ गया। इसमें कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है।
आईआर विभाग के अफसरों को दिया ज्ञापन
महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि एक्यूपमेंट चौक पर 7 सितंबर को होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पर्चा कर्मियों के बीच बांटे हैं। जहां प्रदर्शन के बाद आईआर विभाग को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बोरिया गेट में हरिराम यादव, एसएम वजी अहमद, रमाकांत श्रीवास्तव, बीजी कारे मौजूद थे।
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