इसी तरह से सेक्टर-9 के सफाई कर्मियों को दो-दो माह से वेतन का भुगतान नहीं किए हैं। इन श्रमिकों के सामने घर चलाना मुश्किल हो रहा है। वे ठेकेदार के सामने सीधे वेतन की मांग रखने हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हैं। मजबूरी में यूनियन नेताओं के पास जाकर शिकायत कर रहे हैं।
बर्तन बेच कर गुजारा
बीएसपी के ठेका श्रमिकों की हालत इतनी खराब हो चुकी है, कि एक श्रमिक ने सीटू दफ्तर में आकर बताया कि वह बर्तन बेचकर आया है। घर की माली हालत खराब हो रही है। भूखे मरने की नौबत आ गई है।
बीएसपी के ठेका श्रमिकों की हालत इतनी खराब हो चुकी है, कि एक श्रमिक ने सीटू दफ्तर में आकर बताया कि वह बर्तन बेचकर आया है। घर की माली हालत खराब हो रही है। भूखे मरने की नौबत आ गई है।
डोर-टू-डोर गार्बेज कर्मियों को नहीं मिला ३ माह से वेतन
कमलेश चोपड़ा ने बताया कि पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान जारी है, भिलाई में भी डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन की व्यवस्था की गई है। इस काम को करने वाले कर्मियों ने बताया कि कंपनी के तहत काम कर रहे श्रमिकों का 3 माह से भुगतान नहीं मिल पाया है। कंपनी के श्रमिकों को वेतन भुगतना नहीं मिला है। एस्सार कंपनी में कार्यरत सुरक्षा गार्ड बीते कई माह से वेतन भुगतान नहीं किए जाने से परेशान हंै।
कमलेश चोपड़ा ने बताया कि पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान जारी है, भिलाई में भी डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन की व्यवस्था की गई है। इस काम को करने वाले कर्मियों ने बताया कि कंपनी के तहत काम कर रहे श्रमिकों का 3 माह से भुगतान नहीं मिल पाया है। कंपनी के श्रमिकों को वेतन भुगतना नहीं मिला है। एस्सार कंपनी में कार्यरत सुरक्षा गार्ड बीते कई माह से वेतन भुगतान नहीं किए जाने से परेशान हंै।
ठेकेदार दस्तावेजों को रखते हैं अपडेट
अध्यक्ष जमील अहमद ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार न्यूनतम मजदूरी सहित बहुत से नियम ठेका श्रमिकों के पक्ष में जारी करती है। इन नियमों का पालन बीएसपी के ठेका प्रकोष्ठ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी को निभाना है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि वे जमीनी सच्चाई जानने के बावजूद जमा हो रहे दस्तावेजों के आधार पर सब कुछ सही बताने से नहीं चूकते। ठेका श्रमिक प्रकोष्ट के अधिकारी शिकायत करने के बावजूद ठेका श्रमिकों के अधिकारों व न्यूनतम मजदूरी दिलाने में कोई पहल नहीं करते।
अध्यक्ष जमील अहमद ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार न्यूनतम मजदूरी सहित बहुत से नियम ठेका श्रमिकों के पक्ष में जारी करती है। इन नियमों का पालन बीएसपी के ठेका प्रकोष्ठ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी को निभाना है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि वे जमीनी सच्चाई जानने के बावजूद जमा हो रहे दस्तावेजों के आधार पर सब कुछ सही बताने से नहीं चूकते। ठेका श्रमिक प्रकोष्ट के अधिकारी शिकायत करने के बावजूद ठेका श्रमिकों के अधिकारों व न्यूनतम मजदूरी दिलाने में कोई पहल नहीं करते।
ठेका श्रमिकों के हित में बना रहे संघर्ष करने रणनीति
ठेका श्रमिक यूनियन के नेता अब श्रमिकों को उनका अधिकार दिलाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि श्रमिकों को न्यूनतम वेतन व तमाम भत्ते दिए जाएं। इसके साथ-साथ ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची, पीएफ, ईएसआई की सुविधा मिले। ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रभारी व जिम्मेदार अधिकारी रामाराव से चर्चा की। इसी कड़ी में सीईडी विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी आरके डोडके सीनियर मैनेजर से श्रमिकों के समक्ष चर्चा की। ऑपरेटिंग अथॉरिटी ने समस्या का एक हफ्ते में निराकरण का भरोसा दिलाया।
ठेका श्रमिक यूनियन के नेता अब श्रमिकों को उनका अधिकार दिलाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि श्रमिकों को न्यूनतम वेतन व तमाम भत्ते दिए जाएं। इसके साथ-साथ ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची, पीएफ, ईएसआई की सुविधा मिले। ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रभारी व जिम्मेदार अधिकारी रामाराव से चर्चा की। इसी कड़ी में सीईडी विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी आरके डोडके सीनियर मैनेजर से श्रमिकों के समक्ष चर्चा की। ऑपरेटिंग अथॉरिटी ने समस्या का एक हफ्ते में निराकरण का भरोसा दिलाया।