एक दर्जन मजदूरों की हुई सुनवाई
इस मामले में एएलसी, रायपुर में करीब दर्जनभर मजदूरों के मामले में सुनवाई हुई। प्रकरण फाइल करने के बाद अब तक तीन बार सुनवाई हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अब होने वाली सुनवाई में मजदूरों के हक में फैसला आ जाएगा।
इस मामले में एएलसी, रायपुर में करीब दर्जनभर मजदूरों के मामले में सुनवाई हुई। प्रकरण फाइल करने के बाद अब तक तीन बार सुनवाई हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अब होने वाली सुनवाई में मजदूरों के हक में फैसला आ जाएगा।
उपदान की राशि का करना है भुगतान
बीएसपी में काम करने वाले एचएससीएल के मजदूरों को काम खत्म होने के बाद अंत में उपदान (ग्रेच्युटी) की राशि देनी होती है। अगर वह राशि ठेकेदार नहीं देता है, तो मजदूर यूनियन के माध्यम से मुख्य न्योक्ता होने की वजह से एचएससीएल से मांग करते हैं। उपदान के तौर पर 4.8 फीसदी राशि काटकर रखी जाती है। जिसे अंतिम भुगतान के साथ दिया जाता है।
बीएसपी में काम करने वाले एचएससीएल के मजदूरों को काम खत्म होने के बाद अंत में उपदान (ग्रेच्युटी) की राशि देनी होती है। अगर वह राशि ठेकेदार नहीं देता है, तो मजदूर यूनियन के माध्यम से मुख्य न्योक्ता होने की वजह से एचएससीएल से मांग करते हैं। उपदान के तौर पर 4.8 फीसदी राशि काटकर रखी जाती है। जिसे अंतिम भुगतान के साथ दिया जाता है।
इनको मिलना है अंतिम भुगतान
ग्रेच्युटी के राशि की मांग को लेकर जिन कर्मियों ने केस पुटअप किया है, उनमें बी गणेश को 56 हजार रुपए, वीर बहादुर सिंह को 80 हजार रुपए, भूषण निर्मलकर को 74 हजार रुपए, एम महेश्वर को 42 हजार रुपए, शेखर राव को 51 हजार रुपए, राकेश ३२ हजार रुपए, दुर्योधन बिसाई को 82 हजार रुपए, राजेश कुमार रजक को 60 हजार रुपए, धनेश कुमार को 29 हजार रुपए, वी पापा राव को 55 हजार रुपए, राजकुमार पासवान को 34 हजार रुपए व बाबू अली असांरी को 82 हजार रुपए मिलना है।
ग्रेच्युटी के राशि की मांग को लेकर जिन कर्मियों ने केस पुटअप किया है, उनमें बी गणेश को 56 हजार रुपए, वीर बहादुर सिंह को 80 हजार रुपए, भूषण निर्मलकर को 74 हजार रुपए, एम महेश्वर को 42 हजार रुपए, शेखर राव को 51 हजार रुपए, राकेश ३२ हजार रुपए, दुर्योधन बिसाई को 82 हजार रुपए, राजेश कुमार रजक को 60 हजार रुपए, धनेश कुमार को 29 हजार रुपए, वी पापा राव को 55 हजार रुपए, राजकुमार पासवान को 34 हजार रुपए व बाबू अली असांरी को 82 हजार रुपए मिलना है।
12 मामलों में एचएससीएल ने क्या कहा
इस प्रकरण को लेकर एएलसी, रायपुर तक जाने वाले एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि 12 मामले में एचएससीएल ने कहा है कि 1 अप्रैल 2007 से इनके ग्रेच्युटी की राशि बीएसपी से उनके पास आ चुकी है। भुगतान ठेकेदार को करना है या मजदूरों को सीधे, यह फैसला लेना है। मजदूर व यूनियन का तर्क है कि यह राशि सीधे मजदूरों के खाता में जाए।
इस प्रकरण को लेकर एएलसी, रायपुर तक जाने वाले एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि 12 मामले में एचएससीएल ने कहा है कि 1 अप्रैल 2007 से इनके ग्रेच्युटी की राशि बीएसपी से उनके पास आ चुकी है। भुगतान ठेकेदार को करना है या मजदूरों को सीधे, यह फैसला लेना है। मजदूर व यूनियन का तर्क है कि यह राशि सीधे मजदूरों के खाता में जाए।
रिज्वाइंडर दाखिल करने की तैयारी
यूनियन की ओर से अब रिज्वाइंडर दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें एचएससीएल से मांग किया जाएगा कि राशि सीधे मजदूरों के खाते में दिया जाए। जिससे बिना किसी एजेंट का सहयोग मिले, उनको इसका लाभ मिल सके। यूनियन इस तरह के 44 मामले पुटअप की है। वर्तमान में 12 केस में सुनवाई जारी है।
यूनियन की ओर से अब रिज्वाइंडर दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें एचएससीएल से मांग किया जाएगा कि राशि सीधे मजदूरों के खाते में दिया जाए। जिससे बिना किसी एजेंट का सहयोग मिले, उनको इसका लाभ मिल सके। यूनियन इस तरह के 44 मामले पुटअप की है। वर्तमान में 12 केस में सुनवाई जारी है।
फैक्ट फाइल :-
– 4 अप्रैल 2019 को मामला फाइल किए,
– 20 मई 2019 को एएलसी में पहली सुनवाई हुई,
– 3 जुलाई 2019 को दूसरी सुनवाई हुई,
– 6 अगस्त 2019 को तीसरी सुनवाई हुई।
– 4 अप्रैल 2019 को मामला फाइल किए,
– 20 मई 2019 को एएलसी में पहली सुनवाई हुई,
– 3 जुलाई 2019 को दूसरी सुनवाई हुई,
– 6 अगस्त 2019 को तीसरी सुनवाई हुई।