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भिलाई इस्पात संयंत्र के मजदूर ग्रेच्युटी के लिए खटखटा रहे एएलसी का दरवाजा

locationभिलाईPublished: Aug 20, 2019 11:41:46 am

Submitted by:

Abdul Salam

बीएसपी में काम करने वाले एचएससीएल के 44 मजदूरों को ग्रेच्युटी की राशि नहीं दी गई है। मामले को सहायक श्रम आयुक्त के पास दाखिल किया गया है.

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में काम करने वाले एचएससीएल के 44 मजदूरों को ग्रेच्युटी की राशि नहीं दी गई है। इस मामले को सहायक श्रम आयुक्त के पास दाखिल किया गया है। अब इस पर सुनवाई शुरू हो गई है। बीएसपी ने इसमें से अधिकतर मामले में राशि एचएससीएल को दे दिया है। जिसे मजदूरों के खातों में ट्रांसफर करना है। मजदूर चाहते हैं कि राशि को ठेकेदार के हाथ में न दिया जाए। जिससे वह उसमें किसी तरह से कटौती या डिमांड कर सके। यूनियन भी इस पक्ष में है कि राशि सीधे मजदूरों के खातों पहुंच जाए।
एक दर्जन मजदूरों की हुई सुनवाई
इस मामले में एएलसी, रायपुर में करीब दर्जनभर मजदूरों के मामले में सुनवाई हुई। प्रकरण फाइल करने के बाद अब तक तीन बार सुनवाई हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अब होने वाली सुनवाई में मजदूरों के हक में फैसला आ जाएगा।
उपदान की राशि का करना है भुगतान
बीएसपी में काम करने वाले एचएससीएल के मजदूरों को काम खत्म होने के बाद अंत में उपदान (ग्रेच्युटी) की राशि देनी होती है। अगर वह राशि ठेकेदार नहीं देता है, तो मजदूर यूनियन के माध्यम से मुख्य न्योक्ता होने की वजह से एचएससीएल से मांग करते हैं। उपदान के तौर पर 4.8 फीसदी राशि काटकर रखी जाती है। जिसे अंतिम भुगतान के साथ दिया जाता है।
इनको मिलना है अंतिम भुगतान
ग्रेच्युटी के राशि की मांग को लेकर जिन कर्मियों ने केस पुटअप किया है, उनमें बी गणेश को 56 हजार रुपए, वीर बहादुर सिंह को 80 हजार रुपए, भूषण निर्मलकर को 74 हजार रुपए, एम महेश्वर को 42 हजार रुपए, शेखर राव को 51 हजार रुपए, राकेश ३२ हजार रुपए, दुर्योधन बिसाई को 82 हजार रुपए, राजेश कुमार रजक को 60 हजार रुपए, धनेश कुमार को 29 हजार रुपए, वी पापा राव को 55 हजार रुपए, राजकुमार पासवान को 34 हजार रुपए व बाबू अली असांरी को 82 हजार रुपए मिलना है।
12 मामलों में एचएससीएल ने क्या कहा
इस प्रकरण को लेकर एएलसी, रायपुर तक जाने वाले एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि 12 मामले में एचएससीएल ने कहा है कि 1 अप्रैल 2007 से इनके ग्रेच्युटी की राशि बीएसपी से उनके पास आ चुकी है। भुगतान ठेकेदार को करना है या मजदूरों को सीधे, यह फैसला लेना है। मजदूर व यूनियन का तर्क है कि यह राशि सीधे मजदूरों के खाता में जाए।
रिज्वाइंडर दाखिल करने की तैयारी
यूनियन की ओर से अब रिज्वाइंडर दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें एचएससीएल से मांग किया जाएगा कि राशि सीधे मजदूरों के खाते में दिया जाए। जिससे बिना किसी एजेंट का सहयोग मिले, उनको इसका लाभ मिल सके। यूनियन इस तरह के 44 मामले पुटअप की है। वर्तमान में 12 केस में सुनवाई जारी है।
फैक्ट फाइल :-
– 4 अप्रैल 2019 को मामला फाइल किए,
– 20 मई 2019 को एएलसी में पहली सुनवाई हुई,
– 3 जुलाई 2019 को दूसरी सुनवाई हुई,
– 6 अगस्त 2019 को तीसरी सुनवाई हुई।
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