scriptएटीएम का क्लोन बनाकर #DIG के खाते से डेढ़ लाख की ठगी, आप रहें सावधान | By cloning ATM 1.60 drawn from the DIG account | Patrika News

एटीएम का क्लोन बनाकर #DIG के खाते से डेढ़ लाख की ठगी, आप रहें सावधान

locationभिलाईPublished: Jan 21, 2019 12:25:34 am

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआइजी बी बिक्रमण के एसबीआइ एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर १ लाख ६० हजार रुपए की ठगी करने वालों का पुलिस को सुराग मिल गया है।

Bhilai crime

एटीएम का क्लोन बनाकर DIG के खाते से 1.60 निकालने वालों का मिला सुराग, आप रहें सावधान

भिलाई@Patrika. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआइजी बी बिक्रमण के एसबीआइ एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर १ लाख ६० हजार रुपए की ठगी करने वालों का पुलिस को सुराग मिल गया है। एक आरोपी ओडिशा और दूसरा बिलासपुर जेल में बंद है। आरोपियों ने एटीएम में स्कीमर डिवाइज लगाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। जल्द ही उन्हें ट्रांजेक्शन रिमांड पर लाया जाएगा।
दोनों आरोपियों का क्लू मिल गया है
भिलाई भट्टी थाना टीआई प्रमिला मंडावी ने बताया कि सेक्टर-१ भारतीय स्टेट बैंक शाखा के मुख्य प्रबंधक नागो चिंतामण पराते की शिकायत पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर मामले को जांच में लिया। टीआई गौरव तिवारी मामले की जांच कर रहे थे। उन्हें दोनों आरोपियों का क्लू मिल गया है। ऐसे ही ठगी के मामले में एक आरोपी ओडिशा और दूसरा बिलासपुर जेल में बंद है। बता दें कि मामला २९ जून २०१८ भिलाई नगर क्षेत्र का है।@Patrika. एटीएम का क्लोन बनाकर डीआइजी बी विक्रमण के खाते से 1 लाख 60 हजार रुपए पार कर दिए थे। डीआइजी के खाते से जिस बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर हुए उसके आधार पर पुलिस दोनों आरोपियों तक पहुंची।
सिम क्लोनिंग करने वाले आरोपियों की तलाश
२३ अगस्त २०१८ को सेक्टर-२ निवासी ठेकेदार अभय तारे के बीएसएनएल की सिम का क्लोन तैयार कर उनके खाते से १० लाख रुपए ट्रांसफर कर लिया था। मामले में अपराध दर्ज कर पुलिस की टीम कोलकाता रवाना हुई। @Patrika. वहां सिम खरीदने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। वह अभी जेल में बंद है, लेकिन इस मामले के दो मुख्य आरोपी भागने में कामयाब हो गए थे।
एक साल में एटीएम कार्ड और सिम क्लोनिंग के 11 मामले
जालसाज एटीएम के कार्ड रीडर प्वाइंट पर स्कीमर सेट कर देते हैं। स्कीमर कार्ड की सारी जानकारी चोरी कर लेता है। इसके बाद ठग कार्ड का क्लोन तैयार लेते हैं और विभिन्न माध्यमों से खाते से रुपए निकाल लेते हैं। कुछ समय पहले तक ठग क्लोन किए गए कार्ड का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग के लिए करते थे, लेकिन अब वह एटीएम से सीधे रुपए निकाल रहे हैं। @Patrika. जनवरी २०१८ से अब तक करीब १० मामले एटीएम क्लोनिंग के दर्ज हुए है। वहीं एक मामला सिम क्लोनिंग का दर्ज हुआ है।
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ऐसे होती है एटीएम और सिम की क्लोनिंग
1. स्कीमर लगाकर एटीएम कार्ड की कॉपी कर लेते हैं
साइबर क्राइम प्रभारी राजेश मिश्रा ने बताया कि एटीएम कार्ड की कॉपी करने वाला गिरोह भीड़ वाले एटीएम को अपना निशाना बनाते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का डाटा कलेक्ट हो सके क्योंकि स्कीमर की बैटरी एक से डेढ़ घंटे की होती है। एटीएम मशीन के कार्ड स्वैपिंग स्लॉट पर एक विशेष मैग्नेटिक डिवाइस लगा देते हैं। @Patrika.चिप के आकार का यह डिवाइस एटीएम कार्ड के बारकोड और चिप की सारी इन्फ ॉर्मेशन को कॉपी कर लेता है। इस डिवाइस में कार्ड का ब्लूप्रिंट तैयार हो जाता है। इसके अलावा एटीएम की-पैड को सीपीयू और कार्ड रीडर से जोड़कर भी एटीएम की क्लोनिंग की जाती है। इसके बाद विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से एटीएम का क्लोन तैयार कर लिया जाता है।
2. फेसबुक पर दोस्ती कर निकाल लेते हैं मोबाइल नंबर
जालसाज फेसबुक पर फर्जी आइडी बनाकर दोस्त बनाते हैं। उसमें फीड मोबाइल नम्बर को निकाल लेते हंै। फिर उस नम्बर के डीटेल से आधार कार्ड या परिचय पत्र मिल जाता है। फिर उसी नम्बर की डुप्लीकेट सिम तैयार कर लेते हैं। वास्तविक यूजर का मोबाइल नंबर बंद हो जाता है। @Patrika. यदि ग्राहक का नंबर बैंक खाते के केवाइसी में अटैच है तो उस खाता को ऑनलाइन करा लेते हैं। फिर उससे ऑनलाइन पैसा निकालने लगते है। जब वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) उसी मोबाइल में आता है। तब उस एकाउंट के पैसे को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर लेते हैं।
आप रहें सावधान
अचानक सिम बंद हो गई और दो घंटे तक इनकमिंग और आउट गोइंग बंद हो जाए तो तत्काल बैंक से संपर्क कर अपने खाता के ट्रांजेक्शन को बंद करा लें। इसके बाद सिम सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क कर नम्बर को तत्काल बंद करा दें।
एटीएम कार्ड का डाटा चोरी करने वाली मशीन है स्कीमर डिवाइस
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि स्कीमर एटीएम कार्ड का डाटा चोरी करने वाली मशीन है। यह बिल्कुल उस स्लाट की तरह होती है, जहां पर एटीएम कार्ड डाटा जाता है। @Patrika.कार्ड डालने पर डाटा स्कीमर में लगी चिप कॉपी हो जाती है और ऊपर लगे हिडेन कैमरे से एटीएम पिन देखते हंै। ग्राहक पॉसवर्ड के लिए कौन सा बटन दबा रहा है, इसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाती है। इसके बाद स्कीमर से कार्ड का क्लोन तैयार कर लिया जाता है। तब पासवर्ड डालकर रकम निकाल ली जाती है।
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