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क्या कोई परिवार सिर्फ इसलिए मांग सकता है इच्छा मृत्यु की इजाजत ?

locationभिलाईPublished: Feb 16, 2019 12:36:54 am

भिलाई इस्पात संयंत्र में ऑपरेशन कम टेक्नीशियन (ओसीटी) के पद पर काम करने वाले एक कर्मचारी के पत्र से हड़कंप मचा हुआ है। ओसीटी ने उच्च प्रबंधन को पत्र लिखकर परिवार समेत खुदकुशी की इजाजत मांगी है।

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क्या कोई परिवार सिर्फ इसलिए मांग सकता है खुदकुशी की इजाजत ?

भिलाई@Patrika. भिलाई इस्पात संयंत्र में ऑपरेशन कम टेक्नीशियन (ओसीटी) के पद पर काम करने वाले एक कर्मचारी के पत्र से हड़कंप मचा हुआ है। ओसीटी ने उच्च प्रबंधन को पत्र लिखकर परिवार समेत खुदकुशी की इजाजत मांगी है। पीडि़त ने पत्र में लिखा है कि वह सेक्टर-४ के बीएसपी आवास में ऊपर मंजिल पर रहता है।@Patrika. वहां एक साल से पानी नहीं पहुंच रहा। नीचे जाकर बोरिंग से बुजुर्ग माता-पिता और दिव्यांग भाई के लिए रोज पानी लेकर आता है। ड्यूटी से आने के बाद पूरा समय पानी भरने में जाता है। प्रबंधन नीचे आवास नहीं दे सकता तो कम से कम परिवार समेत खुदकुशी करने की इजाजत दे दें।
टायलेट के लिए परिवार करता है ड्यूूटी से आने का इंतजार
ओसीटी ने प्रबंधन को बताया है कि घर के एक सदस्य को अगर शौच जाना होता है, तो वे मेरा ड्यूटी से आने का इंतजार करते रहते हैं। मैं हैंडपंप से पानी लाकर देता हंू, तब वे टायलेट जाते हैं। इससे ज्यादा बदतर स्थिति और क्या हो सकती है? पूरे घरवालों के लिए नहाने व पीने का पानी बोरिंग से लाकर भरना पड़ता है। @Patrika. ओसीटी ने बताया कि वह एक साल से गांव नहीं गया है। इसके पीछे वजह इस आवास में रहने से होने वाली दिक्कत है। परिवार जब तक यहां है, तब तक साथ में रहना ही पड़ता है। प्रबंधन इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है।
ग्राउंड फ्लोर पर मकान नहीं दिया, पानी खींचने लगा दिया पंप
पत्र को देखकर प्रबंधन हरकत में आ गया है। उच्च प्रबंधन ने पत्र लिखने वाले ओसीटी को बुलवाया। इसके साथ-साथ नगर सेवाएं विभाग से संबंधित अधिकारी को भी तलब किया गया। ओसीटी ने पहुंचकर प्रबंधन के सामने अपनी बात रखी। भाई दोनों पैर से दिव्यांग है, उसे ऊपर वाले मकान से उतरने में दिक्कत होती है। @Patrika. माता-पिता बुजुर्ग हैं। उनको हॉस्पिटल ले जाने में परेशानी होती है। इसके बाद भी नगर सेवाएं विभाग ने नीचे वाला मकान देना उचित नहीं समझा। ऊपर के मकान में पंप लगा दिया। नगर सेवाएं विभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है मामले को निदान कर लिया गया है।
कब्जेदार कर रहे मौज
बीएसपी के टाउनशिप में करीब २५ हजार आवास हैं। इनमें से करीब 8००० मकानों में नियमित कर्मचारी रह रहे हैं। लायसेंस में एक हजार से अधिक मकान दिए गए हैं। @Patrika. करीब ४५०० मकान लीज पर दिए गए हैं। इसके अलावा शेष आवासों पर लोग कब्जा कर किराए पर चला रहे हैं। टाउनशिप में बड़े-बड़े मकान कब्जे में हैं और कर्मचारी परेशान हो रहे हैं।

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