दुर्ग। CG Election 2023: चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों को प्रचार-प्रसार में खर्च का संपूर्ण ब्यौरा मतदान समाप्ति के 30 दिन के भीतर हरहाल में जमा कराना होगा। चुनाव आयोग ने इस संबंध में सख्त प्रावधान कर रखा है। तय अवधि में प्रत्याशी द्वारा खर्च का ब्यौरा जमा नहीं कराए जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है।
चुनाव आयोग द्वारा चुनावों में पारदर्शिता के लिए कई प्रावधान किए हैं। विशेषकर अभ्यर्थियों के चुनाव प्रचार-प्रसार में खर्च के मामले में ज्यादा गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। धन बल के जरिए चुनाव अथवा मतदाताओं को प्रभावित नहीं किया जा सके, इसके लिए न सिर्फ अभ्यर्थियों के लिए खर्च की सीमा तय की गई है, बल्कि प्रतिदिन किए जा रहे खर्च का हिसाब भी लिया जा रहा है। आयोग ने इसके लिए अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिदिन के हिसाब से खर्च की जानकारी जमा कराने का प्रावधान किया है। इसके अलावा प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी के लिए अलग से अधिकारियों की टीम भी बनाई गई है। जो प्रत्येक स्तर पर प्रत्याशियों के खर्च की जानकारी जुटा रही है। इन तमाम स्थितियों के बाद भी चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे अभ्यर्थियों को चुनाव संपादन के 30 दिन के भीतर संपूर्ण खर्च का ब्यौरा संबंधित कार्यालय में जमा कराना होगा।
नहीं तो छह साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक चुनाव संपादन के बाद नियमानुसार खर्च का ब्यौरा जमा नहीं कराया गया तो ऐसे अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि ऐसा हुआ तो ये अभ्यर्थी आने वाले छह साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसे प्रत्याशियों का नाम भी सार्वजनिक किया जाता है।