scriptतीन एडिशनल एसपी और एक टीआई के खिलाफ न्यायालय में चलेगा मुकदमा | Case will be filed against three additional SPs and one TI in court | Patrika News
भिलाई

तीन एडिशनल एसपी और एक टीआई के खिलाफ न्यायालय में चलेगा मुकदमा

साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के मामले में खुर्सीपार निवासी रामचरण(50) ने तीन एएसपी व टीआई के खिलाफ न्यायालय में परिवाद पेश किया है।

भिलाईAug 10, 2019 / 12:01 am

Satya Narayan Shukla

patrika

तीन एडिशनल एसपी और एक टीआई के खिलाफ न्यायालय में चलेगा मुकदमा

दुर्ग@Patrika. साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के मामले में खुर्सीपार निवासी रामचरण(50) ने तीन एएसपी व टीआई के खिलाफ (Durg district court) न्यायालय में परिवाद पेश किया है। (Appeal in court against three ASP and TI ) इस मामले मे न्यायाधीश देवेन्द्र साहू ने संबंधित थाना से सवाल जवाब करते हुए प्रतिवेदन मांगा है। (Durg patrika) भिलाई के भ_ी थाना प्रभारी को 23 अगस्त को उपस्थित होकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा।
परिवादी ने कहा आरोपी को दिया गया संरक्षण
परिवादी रामचरण के मुताबिक भिलाई इस्पात सयंत्र में फर्जी अंक सूची से नौकरी लगने का मामला सार्वजनिक हुआ था। इस मामले में लगातार वह शिकायत करता रहा। एफआइआर दर्ज करने के लिए साक्ष्य भी प्रस्तुत किया। इसके बाद भी अलग-अलग विवेचना अधिकारियों ने गलत तथ्यों को आधार बनाकर जांच रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत किया। पुलिस ने आरोपी को पूरा सरक्षण दिया। कार्रवाई नहीं होने पर परिवादी ने गलत विवेचना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने टीआई से लेकर तत्कालीन आईजी के पास शिकायत की थी। परिवादी के इस आवेदन पर विभाग ने कार्रवाई नहीं की।
न्यायाय में परिवाद इनके खिलाफ
0-बुद्धसेन शर्मा-तत्कालीन थाना प्रभारी भ_ी थाना
0-एमएल कोटवानी- तत्कालीन एएसपी शहर
0-प्रशांत ठाकुर- तत्कालीन एएसपी दुर्ग
0-राजेश अग्रवाल-तत्कालीन एएसपी दुर्ग

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यह मामला न्यायालय में विचाराधीन
परिवादी ने शुरूआत में फर्जीअंक सूची के माध्यम से नौकरी करने वाले श्रीनिवास राव के खिलाफ शिकायत की थी। तब पुलिस और बीएसपी के अधिकारियों ने कई वर्ष तक तथ्यों को छिपाकर रखा। गलत प्रतिवेदन तैयार कर आरोपी को संरक्षण दिया। इस पर परिवादी ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद परिवाद खारिज कर दिया। इस पर उन्होंने अपर न्यायालय में अपील की। अपील करने पर विशेष न्यायाधीश मंसूर अहमद ने तथ्यों को सही पाया और जांच के आदेश दिए। दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने एफआइआर दर्ज किया। यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाद परिवादी ने विवेचना अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की, लेकिन विभाग ने शिकायत को नजर अंदाज कर दिया।
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सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत
रामबाबू गुप्ता, परिवादी के अधिवक्ता ने बताया कि परिवादी ने पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हुई। इसलिए हमने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद प्रस्तुत क रते ही न्यायालय ने संबंधित थाना से जानकारी मांगी है।
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