सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों का कहना है कि भिलाई एजुकेशन सिटी है। इसलिए यहां जवानों के परिवार के लिए आवास बनाया जाएगा। ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। टे्रनिंग सेंटर भी बनाया जाएगा। जहां जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनका यह भी कहना है कि इलेक्शन ड्यूटी करने वाले जवानों को वहीं पर ड्रील की ट्रेनिंग दी जाएगी। जवानों के पहुंचने से पहले व्यवस्था की जाएगी।
बीएसपी ने 18 अप्रैल 1972 राजस्व मंडल आमदी, पटवारी हल्का नंबर-२२ खसरा नंबर ३४ के २३२.०२ एकड़ जमीन सीआरपीएफ को बेची। तत्कालीन बटालियन के अधिकारियों ने जमीन के एवज में बीएसपी को २,१९,२३६ रुपए भी दिए। जवानों का एक प्लॉन भिलाई आया। यहां कुछ दिन रहे। फिर वापस चले गए। लेकिन जमीन सीआरपीएफ के नाम हस्तांतरण नहीं हुआ।
पुलिस उप महानिरीक्षक प्रदीपचंद्र ने जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए २४ अक्टूबर 2013, 25 नवंबर 13 और मार्च 2014 में कमांडेंट, छग शासन के अवर सचिव, आइजी, पुलिस रेंज मुख्यालय रायपुर और बीएसपी के महाप्रबंधक को पत्र लिखा। सीआरपीएफ को आवंटित जमीन का हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने कहा।
अशोक भेलवा ने 2011-12 में तात्कालीन कलेक्टर रीना बाबा साहेब कंगाले से शिकायत की। शिकायत पर कलेक्टर ने तात्कालीन एसडीएम खान, तहसीलदार से जांच कराई। लेकिन शिकायतकर्ता को जमीन बीएसपी से साडा को कब स्थानांतरित हुआ। इसकी जानकारी सूचना के अधिकार में मांगे जाने पर भी नहीं दी गई।
जमीन में गड़बड़ी का खेल 1972 से शुरू होकर 1998 तक चली। 18 अप्रैल 1972 को सीआरपीएफ ने जमीन क्रय किया था। इसी दिन बीएसपी को नगद भुगतान किया था। नेहरू नगर पूर्व और पश्चिम में कुल 4038 प्लॉट काटे गए। पूर्व में 1500 से 10 हजार वर्ग फीट तक के प्लॉट काटे गए। पूर्व में कोसानगर की सीमा तक कुल 2000 प्लॉट। इसी तरह पश्चिम में 2038 प्लॉट काटे गए।
खसरा नंबर 34 की 232.02 एकड़ जमीन आवंटन गड़बड़ी की परत दर परत खुल रही है। राजस्व रिकॉर्ड में जमीन बीएसपी की है। नेहरू नगर क्षेत्र की जमीन बीएसपी से साडा को कब हस्तांतरण किया गया। इस संबंध में कोई राजस्व रिकार्ड नहीं है। यह तथ्य १२ मार्च 2013 को पटवारी की ओर से तहसीलदार को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है।
राजस्व रिकॉर्ड में जमीन का मालिक बीएसपी है। बावजूद बीएसपी के अधिकारी चुपचाप बैठे रहे। बीएसपी के अधिकारियों की इसी मौन से साडा, विघटन के बाद निगम के अधिकारियों को ताकत मिलती रही। जमीन आवंटन में बंदरबाट करते रहे।