पूर्व सांसद मोहन भैया का जन्म 18 अक्टूबर 1934 में हुआ था। वे आरम्भकाल से सेवाभावी सहृदय व्यक्तिव के धनी थे। एक स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने सामाजिक जीवन में काम करना आरंभ किया। जनता के प्रति उनके सेवानिष्ठ व समपर्ण भाव के कारण वे जनसंघ से (अपरिवर्तित भाजपा) दुर्ग नगर पालिका में पार्षद के रूप में निर्वाचित हुए।
मोहन भैय्या के जनता के प्रति समर्पित भाव को देखते हुए सन् 1968 में दुर्ग विधान सभा से उन्हें उम्मीदार घोषित कर मैदान में उतारा गया। जहां वे मामूली अंतर से पराजित हो गए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कांग्रेस शासन काल में आपातकाल लगाने के कारण विरोध में उन्होंने झंडा बुलंद कर दिया। जिसके चलते लंबे समय तक उन्हें जेल में रहना पड़ा।
आपात काल के बाद हुए पहली लोक सभा चुनाव में सन् 1977 में मोहन भैया दुर्ग लोक सभा से पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में जनसंघ(भाजपा) से निर्वाचित होकर दिल्ली पहुंचे। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ लंबे समय तक उन्होंने राजनीतिक जीवन में कार्य किया। वहीं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में मार्गदर्शन देते रहे। रविवार को लंबी बीमारी के बाद उन्होंने देह त्याग दिया।