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CG Election : त्रिकोणीय मुकाबले वाली संभाग की 7 सीटों पर उलटफेर के आसार, देखिए सबसे तेज नतीजे सिर्फ Patrika.com के साथ

locationभिलाईPublished: Dec 11, 2018 08:18:15 am

Submitted by:

Bhuwan Sahu

दुर्ग संभाग की सात सीटों पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। एक जगह निर्दलीय प्रत्याशी ने और पांच सीटों पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) ने मुकबाले को त्रिकोणीय बना दिया है।

चुनावी माहौल बनाने के लिए तरकस के हर तीर आजमाए जा रहे

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भिलाई . दुर्ग संभाग की सात सीटों पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है। एक जगह निर्दलीय प्रत्याशी ने और पांच सीटों पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) ने मुकबाले को त्रिकोणीय बना दिया है। जोगी कांग्रेस के छह प्रत्याशी पुराने कांग्रेसी हैं जो कांग्रेस छोड़कर जोगी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। एक प्रत्याशी पुराना भाजपाई है। लोगों की जिज्ञासा इन त्रिकोणीय मुकाबले वाली सीटों पर भी टिकी है।
लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर इन सीटों पर परिणाम क्या आएगा। जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी जीतेंगे या भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के जीत-हार पर असर डालेंगे। असर डालते हैं तो किसे ज्यादा नफा नुकसान पहुंचाएंगे कांग्रेस को या भाजपा को। त्रिकोणीय में क्या कोई उलटफेर होगा और इसका भाजपा व कांग्रेस को क्या नफा नुकसान होगा। त्रिकोणीय मुकबाले में भाजपा खुज्जी और मोहला-मानपुर की सीट कांग्रेस से छिन पाएगी या कांग्रेस वहां अपनी जीत की हैट्रिक लगाएगी।
वोरा के करीबी रहे हैं जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी

दुर्ग शहर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के पुत्र अरुण वोरा कांग्रेस के प्रत्यशी हैं। भाजपा प्रत्याशी चंद्रिका चंद्राकर दुर्ग की महापौर हैं और भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय की समर्थक हैं। मुकबाले को त्रिकोणीय बनाने वाले जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप मध्यानी कांग्रेस में वोरा के कट्टर समर्थक रहे हैं। लोग यह जानने की उत्सुकता है कि त्रिकोणीय मुकाबले का नतीजा क्या रहेगा।
इस बार यहां किसे नफा-नुकसान होगा यह तो नतीजे आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा पर गुंडरदेही और डौंडीलोहारा में त्रिकोणीय मुकाबले ने भाजपा व कांग्रेस के समीकरण पर असर डाला है। गुंडरदेही में कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राय इस बार जोगी कांग्रेस से खड़े हैं। डौंडीलोहारा में कांग्रेस के बागी जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
पुराने भाजपाई हैं जोगी कांग्रेस के देवांगन

दुर्ग ग्रामीण सीट पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ने यहां प्रत्याशी चयन में जातीय समीकरण को खास तव्वजो दी है। भाजपा से जागेश्वर साहू व कांग्रेस से सांसद ताम्रध्वज साहू मैदान में हैं। मुकाबले में अपनी मौजूदगी एहसास कराने वाले जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ.बालमुकुंद देवांगन पुराने भाजपाई हैं। वे भाजपा से एक बार विधायक भी रहे हैं। भाजपा प्रत्यशी जागेश्वर साहू भी पुराने कांग्रेसी हैं और कांग्रेस से पहले विधायक रह चुके हैं।
पाला बदलने का राय को नफा या नुकसान

गुंडरदेही विधानसभा में भी जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र कुमार राय पुराने कांग्रेसी हैं। वे यहां के मौजूदा विधायक भी हैं। उनका मुकाबला दिवंगत पूर्व सांसद व गुंडरदेही के पूर्व विधायक ताराचंद साहू के पुत्र भाजपा प्रत्याशी दीपक साहू व कांग्रेस प्रत्याशी कुंवरसिंह निषाद से है। यहां का नतीजा जानने के लिए लोग उत्सुक हैं कि राय पार्टी बदलने के बाद जीत कायम रखते हैं या उनके कारण भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी उलटफेर के शिकार होते हैं।
संभाग का एक मात्र सीट जहां कांग्रेस के बागी

संभाग की यह एकमात्र सीट है जहां निर्दलीय प्रत्याशी देवलाल ठाकुर में मुकाबले को त्रिकोणीय बना कर सबका ध्यान खींचा है। ठाकुर कांग्रेस के युवा नेता हैं और बालोद के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। मौजूदा विधायक अनिला भेडिय़ा व भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक लाल महेंद्र सिंह टेकाम के साथ उनका भिडंत हुआ है। ठाकुर जीतते हैं या कांग्रेस व भाजपा को नफा नुकसान पहुंचाते हैं यह आज साफ हो जाएगा।
राजपरिवार की राजनीतिक साख दांव पर

संभाग की इस सीट पर नजर इसलिए है कि खैरागढ़ राजपरिवार की राजनीतिक साख दांव पर है। यहां से कांग्रेस के पूर्व विधायत देवव्रतसिंह इस बार जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। यह सीट पहले खैरागढ़ राजपरिवार के कब्जे में रहा है। देवव्रत की मां रश्मिदेवी सिंह यहां से तीन बार विधायक रही हैं। देवव्रत का मुकाबला मौजूदा विधायक कांग्रेस प्रत्याशी गिरवर जंघेल व भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक कोमल जंघेल से हुआ है।
भाटिया खुद फायदे में रहेंगे या कांग्रेस और भाजपा का गणित बिगाड़ेंगे

खुज्जी विधानसभा में पुराने कांग्रेसी जनरेलसिंह भाटिया इस बार जोगी कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के छन्नी साहू व भाजपा के हिरेंद्र साहू के साथ हुआ है। कांग्रेस में रहते हुए भाटिया की गिनती जनाधार वाले नेता के रूप में रही है। अब वे जीतते हैं या नतीजे को उलट पुलट करते हैं यह आज पता चल जाएगा। खुद फायदे में रहेंगे या कांग्रेस व भाजपा का नफा नुकसान पहुचाएंगे।
जोगी कांग्रेस की मौजूदगी में कांग्रेस को गढ़ बचाने की चुनौती

मोहला -मानपुर आजजा आरक्षित सीट है। यह कांग्रेस का गढ़ रहा है। इस बार पुराने कांग्रेसी संजीत ठाकुर जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़े हैं। कांग्रेस ने विधायक तेजकुंवर नेताम की जगह इंद्रशाह मंडावी को और भाजपा ने कंचनमाला भू-आर्य भरोसा जताया है। जोगी कांग्रेस के मुकाबले में आने के बाद इस सीट के नतीजे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या कांग्रेस अपना गढ़ बचा पाएगी या त्रिकोणीय लड़ाई का फायदा भाजपा को मिल जाएगा।
बेमेतरा में भी छजकां ने फंसाया है पेंच

बेमेतरा विधानसभा भी कांग्रेस का गढ़ रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा ने यह गढ़ कांग्रेस से छिन लिया था। यहां से कांग्रेस के तेजतर्रार नेता रहे योगेश तिवारी जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। एक वर्ग का मानना है कि तिवारी कांग्रेस प्रत्याशी आशीष छाबड़ा को नुकसान पहुंचाएंगे तो दूसरा वर्ग यह मानता है कि इसका नुकसान भाजपा को होगा। सबके अपने तर्क और दावे हैं। जनता फैसला सुना चुकी हैं जो आज सार्वजनिक हो जाएगा।
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