इधर, महाविद्यालयों की तकलीफ बढ़ी
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने ग्रेडिम में परिवर्तन कर दिया है। पहले एसएसआर रिपोर्ट भेजने के बाद ६ महीने का समय मिलना था, लेकिन अब रिपोर्ट भेजने के बाद एक माह में ही टीम निरीक्षण के लिए आ जाएगी। नैक की टीम फोन और ई-मेल के जरिए विद्यार्थियों से भी संपर्क कर कॉलेज के बारे में जानकारी लेगी। उनके अनुभवन पूछे जाएंगे। नैक ने कॉलेज के ३० फीसदी विद्यार्थियों का ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर लेने का निर्णय लिया है।इसी तरह अनुदान राशि का आडिट पूर्ण होना चाहिए। रिसर्च पेपर स्पाइरल बाइंडिंग के साथ होना जरूरी होगा। टीम के सदस्य मॉडल व टेस्ट का रिकॉर्ड भी देखेंगे। एलओआई की जगह आईएक्यूए सम्मिलित होगा। नैक के सात बिंदुओं में से टीचिंग लर्निंग एजुकेशन में सबसे अधिक 300 पाईंट हैं, इसमें अधिक अंक स्कोर करने का प्रयास किया जाएगा।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने ग्रेडिम में परिवर्तन कर दिया है। पहले एसएसआर रिपोर्ट भेजने के बाद ६ महीने का समय मिलना था, लेकिन अब रिपोर्ट भेजने के बाद एक माह में ही टीम निरीक्षण के लिए आ जाएगी। नैक की टीम फोन और ई-मेल के जरिए विद्यार्थियों से भी संपर्क कर कॉलेज के बारे में जानकारी लेगी। उनके अनुभवन पूछे जाएंगे। नैक ने कॉलेज के ३० फीसदी विद्यार्थियों का ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर लेने का निर्णय लिया है।इसी तरह अनुदान राशि का आडिट पूर्ण होना चाहिए। रिसर्च पेपर स्पाइरल बाइंडिंग के साथ होना जरूरी होगा। टीम के सदस्य मॉडल व टेस्ट का रिकॉर्ड भी देखेंगे। एलओआई की जगह आईएक्यूए सम्मिलित होगा। नैक के सात बिंदुओं में से टीचिंग लर्निंग एजुकेशन में सबसे अधिक 300 पाईंट हैं, इसमें अधिक अंक स्कोर करने का प्रयास किया जाएगा।
अब संस्थानों के सामने नया चैलेंज
शनिवार को स्वरूपानंद महाविद्यालय में नैक ग्रेडिंग में किए गए बदलावों पर एक कार्यशाला रखी गई थी। जिसमें विषय से संबंधित चर्चा की गई। आईक्यूएसी सेल प्रभारी डॉ. ज्योति उपाध्याय ने कहा कि नैक में हुए बदलाव के बाद अब सभी संस्थानों के सामने खुद और बेहतर बनाने का नया चैलेंज आया है। नैक संयोजक श्वेता दवे ने मूल्यांकन पद्धति की जानकारी दी। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि नेतृत्व क्षमता को विकसित करने के लिए बड़े उद्देश्यों की जरूरत नहीं होती। उन्होंने मौजूद सभी प्रोफेसरों ने कहा, अब कॉलेज के लिए नैक की तैयारी शुरू करनी है। गतिविधियों की समीक्षा के लिए हर हफ्ते बैठक कराई जाएगी।
शनिवार को स्वरूपानंद महाविद्यालय में नैक ग्रेडिंग में किए गए बदलावों पर एक कार्यशाला रखी गई थी। जिसमें विषय से संबंधित चर्चा की गई। आईक्यूएसी सेल प्रभारी डॉ. ज्योति उपाध्याय ने कहा कि नैक में हुए बदलाव के बाद अब सभी संस्थानों के सामने खुद और बेहतर बनाने का नया चैलेंज आया है। नैक संयोजक श्वेता दवे ने मूल्यांकन पद्धति की जानकारी दी। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि नेतृत्व क्षमता को विकसित करने के लिए बड़े उद्देश्यों की जरूरत नहीं होती। उन्होंने मौजूद सभी प्रोफेसरों ने कहा, अब कॉलेज के लिए नैक की तैयारी शुरू करनी है। गतिविधियों की समीक्षा के लिए हर हफ्ते बैठक कराई जाएगी।