सुनवाई के दौरान एक और मामला सामने आया। बीएसपी से सेवानिवृत एक बुजुर्ग ने अपने अर्जित पैसे से वृंदावन नगर भिलाई में 25 लाख में मकान खरीदा था। दंपती के बड़े बेटे ने 4 लाख मकान को खरीदने में लगाया था। दंपती के बड़े बेटे और बहु जो कि खुद शासकीय सेवा में हैं उन्होंने मकान पर कब्जा कर रखा है। दंपती का अविवाहित छोटा बेटा है। बुजुर्ग दंपती द्वारा उसके बेटा बहु के द्वारा मकान पर कब्जा करने को लेकर आपत्ति करने पर उनके विरूद्ध टोनही प्रताडऩा का झूठा आरोप लगाया गया था। सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि बहु के द्वारा बुजुर्ग दंपती पर लगाया गया आरोप निराधार है। मामले की सुनवाई के दौरान यह समझौता हुआ कि बहु-बेटा द्वारा लगाए गए 4 लाख को अगर उनके माता-पिता लौटा देते हैं, तो वे मकान खाली कर देंगे। बुजुर्ग दंपती ने उनका 4 लाख रूपया लौटाने का अभिमत दिया।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिला आयोग में महिला उत्पीडऩ, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा, शारिरिक उत्पीडऩ, टोनही प्रताडऩा जैसे अनेक मामलों की सुनवाई की जा रही है। महिलाओं से संबंधित मामले में अगर कहीं न्याय की गुंजाइश नहीं होती हैं, वहां महिला आयोग महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करती है। जिले में महिलाओं से संबंधित 55 मामले की सुनवाई की गई है।