scriptमहिला सरपंच पर अभद्र टिप्पणी करना पंच को पड़ गया भारी, आयोग ने दिखाई सख्ती तो मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी | Chairperson of CG Women's Commission heard many cases in Durg | Patrika News

महिला सरपंच पर अभद्र टिप्पणी करना पंच को पड़ गया भारी, आयोग ने दिखाई सख्ती तो मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी

locationभिलाईPublished: Oct 26, 2020 05:12:31 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

एक ग्राम पंचायत की महिला सरपंच पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला आया। मामले में अनावेदक पंच को सुनवाई के लिए तलब किया गया था।

महिला सरपंच पर अभद्र टिप्पणी करना पंच को पड़ गया भारी, आयोग ने दिखाई सख्ती तो मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी

महिला सरपंच पर अभद्र टिप्पणी करना पंच को पड़ गया भारी, आयोग ने दिखाई सख्ती तो मांगनी पड़ी सार्वजनिक माफी

दुर्ग. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिला आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। इस दौरान एक ग्राम पंचायत की महिला सरपंच पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला आया। मामले में अनावेदक पंच को सुनवाई के लिए तलब किया गया था। सुनवाई के दौरान पंच को बताया गया कि इस तरह से किसी महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना अवैधानिक है। उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी गलती स्वीकार किया। महिला सरपंच ने कहा कि अगर वह सार्वजनिक तौर पर क्षमा मांगे तो अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराएगी और उसे क्षमा कर देगी। पंच ने आयोग के समक्ष महिला सरपंच से अपनी गलती के लिए सार्वजनिक माफी मांगी।
बहु-बेटा ने लगाया टोनही प्रताडऩा का आरोप
सुनवाई के दौरान एक और मामला सामने आया। बीएसपी से सेवानिवृत एक बुजुर्ग ने अपने अर्जित पैसे से वृंदावन नगर भिलाई में 25 लाख में मकान खरीदा था। दंपती के बड़े बेटे ने 4 लाख मकान को खरीदने में लगाया था। दंपती के बड़े बेटे और बहु जो कि खुद शासकीय सेवा में हैं उन्होंने मकान पर कब्जा कर रखा है। दंपती का अविवाहित छोटा बेटा है। बुजुर्ग दंपती द्वारा उसके बेटा बहु के द्वारा मकान पर कब्जा करने को लेकर आपत्ति करने पर उनके विरूद्ध टोनही प्रताडऩा का झूठा आरोप लगाया गया था। सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि बहु के द्वारा बुजुर्ग दंपती पर लगाया गया आरोप निराधार है। मामले की सुनवाई के दौरान यह समझौता हुआ कि बहु-बेटा द्वारा लगाए गए 4 लाख को अगर उनके माता-पिता लौटा देते हैं, तो वे मकान खाली कर देंगे। बुजुर्ग दंपती ने उनका 4 लाख रूपया लौटाने का अभिमत दिया।
न्याय दिलाने की दिशा में गंभीरता से काम
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिला आयोग में महिला उत्पीडऩ, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा, शारिरिक उत्पीडऩ, टोनही प्रताडऩा जैसे अनेक मामलों की सुनवाई की जा रही है। महिलाओं से संबंधित मामले में अगर कहीं न्याय की गुंजाइश नहीं होती हैं, वहां महिला आयोग महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करती है। जिले में महिलाओं से संबंधित 55 मामले की सुनवाई की गई है।
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