Read more: Big Breaking: EOW ने मारा दुर्ग में छापा, बहुचर्चित नान घोटाला मामले में चंद्राकर और उसके सुसर के घर टीम ने दी दबिश …. महापौर चंद्रकांता मांडले का कहना है कि मैं जनता की ओर से निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं। निगम अधिनियम के मुताबिक मुझे कार्यालय सहायक चौकीदार और भृत्य रखने का अधिकार है। इसी व्यवस्था से मुझे पिछले 3 साल से यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी। चौकीदार और भृत्य मेरे आवास में सेवाएं दे रहे हैं। निगमायुक्त कीर्तिमान सिंह राठौड़ ने हटाने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त के इस आदेश से मैं काफी विचलित हूं। निगम के काम को संपादित भी नहीं कर पा रही हूं।
Read more: थाने के अंदर महिला ASI से मारपीट, बस इतनी सी बात पर बिगड़ गया फरियादी, देखते रह गए जवान …. एक तरह से आयुक्त के आदेश से दुर्भावनावश कार्रवाई प्रतीत हो रही है। प्रदेश सरकार में में विपक्षी दल से हूं। चंद्रकांता मांडले ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और मैं भारतीय जनता भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं। इस वजह से मुझे इस तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है ।
गाड़ी और घर छीन लो
महापौर मांडले ने पत्र में यह भी लिखा है कि आयुक्त चाहे तो घर और गाड़ी भी छीन ले। मुझे जनता ने चुना है। मैं जनता के लिए सेवा करूंगी और सड़क की लड़ाई लडूंगी स्टेनो के अभाव मे अपनी हाथों से पत्र लिखना पड़ रहा है। इधर आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने कहा कि निगम में कर्मचारी जिस काम के लिए नियुक्त हुआ है। वही काम करेंगे, मैंने ऐसा आदेश दिया है। न कि किसी कर्मचारी को हटाने के लिए कहा है। (Bhilai news)