scriptसामने वाले ने कहा आपके नाम से लक्की कूपन निकला है, कार चाहिए या कैश, फिर… | cheated the name of winning cars in Lucky draw | Patrika News

सामने वाले ने कहा आपके नाम से लक्की कूपन निकला है, कार चाहिए या कैश, फिर…

locationभिलाईPublished: Aug 12, 2018 12:17:27 am

बिहार प्रदेश के एक गिरोह ने ऑन लाइन खरीदी में लक्की ड्रा कूपन से कार जीतने का झांसा देकर एक बार नहीं बल्कि तीन किश्तों में अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा करा लिया।

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ऑन लाइन खरीदी लक्की ड्रा में आपने जीती है कार और खाते से कट गया 50 हजार, पढ़ें खबर

भिलाई. अन्य राज्यों में बैठे ठग गिरोह पढ़ें-लिखें को लोगों से कैसे ठगी करते हैं इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते हैं। बिहार प्रदेश के एक गिरोह ने ऑन लाइन खरीदी में लक्की ड्रा कूपन से कार जीतने का झांसा देकर एक बार नहीं बल्कि तीन किश्तों में अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा करा लिया। कार की लालच में ठगी का शिकार व्यक्ति उनके बताए अकांउट में पैसे जमा करता रहा हैं। इसीलिए कहते हैं लालच बुरी बला होती है। आप रहे ऐसे साइबर ठगों से सावधान।
धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज
छावनी थाना पुलिस ने लक्की ड्रॉ में कार जीतना बताकर ऑनलाइन ठगी करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने दीपक वर्मा, रोहित राज और आरके माथुर के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
वह कार लेना चाहता या नगद

जोन-1 खुर्सीपार सड़क 26, क्वार्टर 2 एफ , सेक्टर 11 निवासी अनिल साखरे ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि ४ अगस्त को उसे फ़ोन आया। फ़ोन करने वाले व्यक्ति ने उससे कहा कि ऑनलाइन खरीदी की लक्की ड्रॉ में उसने कार जीती है। कार की कीमत 12. ५0 लाख रुपए है। वह कार लेना चाहता या नगद। अनिल ने कार लेने की इच्छा जताई।
किस्तों में 59 हजार रुपए बैंक खाते में जमा करवा लिए

तब फोन करने वाले ने उसे कार की कागजात के लिए प्रोसेसिंग शुल्क जमा करने कहा। इसके लिए उसे एसबीआई शाखा असरगंज मुंगेर बिहार के तीन अलग-अलग बैंक खाते का नंबर दिया जो कि दीपक वर्मा, रोहित राज और आरके माथुर के नाम से था। अनिल से किस्तों में 59 हजार रुपए बैंक खाते में जमा करवा लिए। पहले प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर १५,५०० जमा कराया। इसके बाद अनिल के मोबाइल पर एसएमएस आया कि आपके खाते में १२.५० लाख रुपए आ गया है, लेकिन आरबीआई के नियम का हवाला देकर टीडीएस के लिए १८ हजार ५०० जमा कराया।
बहानेबाजी करने पर शक हुआ कि उसे ठगा जा रहा

फिर कहा कि टैक्स नहीं पटाने के कारण आरबीआई ने पेमेंट रोक दिया है। इसके बाद फिर २5,५०० रुपए जमा करने कहा गया। पैसा खाता में आ गया है उसे लेने के लिए ३७ हजार ५०० रुपए और जमा करा लिए। इस तरह किस्तों में 59 हजार रुपए लेने के बाद 12.५० लाख रुपए की राशि देने में बहानेबाजी करने लगे। तब अनिल को शक हुआ कि उसे ठगा जा रहा है।
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