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एक वोट से तकदीर बदलने के खूब लगवाए नारे और 13,600 लोगों को मालूम तक नहीं चला, उनसे कब छिन गया ‘मत का अधिकार

locationभिलाईPublished: Nov 25, 2018 10:00:57 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने वाले जिम्मेदार लोगों की लापरवाही की वजह से जिले के 13,600 मतदाता मत देने के अपने अधिकार से वंचित रह गए।

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एक वोट से तकदीर बदलने के खूब लगवाए नारे और 13,600 लोगों को मालूम तक नहीं चला, उनसे कब छिन गया ‘मत का अधिकार

भिलाई . विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने वाले जिम्मेदार लोगों की लापरवाही की वजह से जिले के 13,600 मतदाता मत देने के अपने अधिकार से वंचित रह गए। ये वो मतदाता हैं, जो अब तक हुए हर चुनाव में मतदान करते आए हैं, लेकिन इस बार सूची से उनका नाम गायब हो गया।
प्रशासन को जी भरकर कोसा
बीएलओ ने घर आकर पर्ची नहीं दी तब भी इस उम्मीद में कि हर बार तो वोट देते आ रहे हैं, खुशी-खुशी मतदान केंद्र पहुंचे। वहां सहायता केंद्र में जब बताया गया कि सूची में तो उनका नाम ही नहीं है तो वे बेहद निराश हो गए। कुछ लोग अनुनय-विनय करते रहे तो कुछ झगड़ भी पड़े। किसी ने इसे विरोधी दलों का राजनीतिक षडयंत्र बताया तो किसी ने प्रशासन को जी भरकर कोसा।
सूची में परिवार के 8 सदस्यों के नाम नहीं
आप कार्यकर्ता मेहरबान सिंह ने बताया कि उनके परिवार के १२ सदस्यों के नाम विलोपित कर दिए गए। जबकि निगम चुनाव में परिवार के सभी सदस्यों के नाम थे। युवा चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेशाध्यक्ष अजय भसीन का पूरा परिवार ही मतदान से वंचित हो गया। सूची में परिवार के 8 सदस्यों के नाम नहीं थे।
वहीं बाबा स्वीट्स खुर्सीपार के के संचालक के परिवार के छह सदस्यों के नाम मतदाता सूची से कट गए थे। खुर्सीपार स्कूल में मंजीत सिंह जग्गी और रंजना जग्गी जब मतदान करने पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि सूची में उनका नाम नहीं है। उनका कहना था कि निगम चुनाव में उनका नाम था तो अब कैसे गायब हो गया।
पत्नी का नाम था, पति का नहीं- वार्ड-४७ की सपना जंकयानी का नाम था। लेकिन पति दीपक का नाम नहीं था। बीआईटी के प्रोफेसर राजू लालवानी की पत्नी का नाम सूची में था, लेकिन राजू लालवानी का नाम सूची में नहीं था। मनोहर की फैमिली के तीन सदस्य मतदान नहीं कर पाए। तीन माह घूम-घूम के लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया मेरा ही नाम सूची से गायब है।
वोट नहीं दे पाई
रायपुर नाका दुर्ग निवासी सीमा फुलवाने 900 किलोमीटर की दूरी तय कर मुंबई से यहां वोट डालने आई थी। उनका पति आदित्य बिड़ला ग्र्रुप के हिंडालको मुंबई में अस्सिटेंट मैनेजर हैं। यहां आने पर पता चला कि उनका नाम सूची में नहीं है। मतदाता सूची खंगाला तो पता चला कि पड़ोसी खूशबू गोकलानी जो डेढ़ साल पहले शादी कर ससुराल चली गई है उनका नाम अब भी है। इतनी मशक्कत के बाद भी वोट नहीं दे पाई।
उठ रहे हैं सवाल
एक तरफ प्रशासन शत प्रतिशत मतदान के लिए अभियान चलाकर लोगों को प्रेरित किया। १८ साल से अधिक युवक -युवती मतदान से वंचित न हो जाए, इस उद्देश्य के साथ मतदाता सूची में नाम जोडऩे के लिए आंगनबाड़ी, निगम कर्मचारी, शिक्षकों की ड्यूटी लगाई। घर-घर भेजकर सर्वे कराया। बावजूद मतदाता सूची से हजारों मतदाताओं के नाम गायब हो जाना, लोगों की शिकायत पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना, कई तरह के संदेहों को जन्म देता है।
वंचित हो गए
सेक्टर 4 के मतदान क्रमांक 62 में साहू और गुप्ता परिवार के दर्जनभर मतदाताओं के नाम नहीं थे। इसी बूथ में १२ ऐसे मतदाताओं के नाम सूची में शामिल थे। जिनका दो साल पहले निधन हो चुका है। ६००० मतदाताओं के नाम गायब- नाम कट जाने के कारण अकेले दुर्ग शहर से लगभग ६ हजार मतदान से वंचित हो गए।
सबसे अधिक शिकायत वार्ड-४७ के गुरुनानक प्राथमिक स्कूल रायपुर नाका में देखने को मिली। यहां २५० मतदाताओं के नाम गायब हैं। इसी तरह की शिकायतें पदमनाभपुर, शक्तिनगर, गया नगर के क्षेत्र के मतदाताओं ने की थी।
४२०० लोग हुए मतदान से वंचित- भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से ४२०० लोग मतदान से वंचित हो गए। सबसे अधिक शिकायत सेक्टर-६, सेक्टर-४, खुर्सीपार और छावनी में मिली। खुर्सीपार के मतदान क्रमांक 150 से 155 तक के छह मतदान केन्द्रों के मतदाताओं के परिवार सहित नाम सूची से गायब थे।
३४००के नाम कट गए थे – वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के २७ वार्डों में कुल ३४०० मतदाताओं के नाम सूची से गायब है। वार्ड-८ ,९, १३, १४ में कई परिवार के नाम वोटर लिस्ट में नहीं चढ़ा है। वार्ड १३ के ३५३ और १४ के ३६७ लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब है।
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