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भिलाई

Chhattisgarh: ओपन नहीं हुआ आयुष्मान कार्ड, 17 हजार नगद के लिए 6 घंटे रोका शव, परिवार होता रहा परेशान

Chhattisgarh: आयुष्मान कार्ड के जिम्मेदार अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे थे। उनको भी दूसरे के माध्यम से जानकारी भेजी गई, तो बता दिया कि मीटिंग में हूं। वहीं परिवार को अस्पताल में बताया गया कि अभी कार्ड ओपन नहीं हो रहा है। इसे कलेक्टर दुर्ग की जानकारी में भी दिया गया।

भिलाईDec 02, 2022 / 11:20 am

CG Desk

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file photo

भिलाई में लकवा पीड़ित खुर्सीपार के एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजन शव के लिए घंटों इंतजार करते रहे। इलाज शंकरा हॉस्पिटल जुनवानी में आयुष्मान कार्ड से हुआ। आयुष्मान का पोर्टल नहीं खुला तो अस्पताल प्रबंधन ने 17 हजार रुपए नगद जमा करने के लिए कहा। यहीं से परिवार की परेशानी शुरू हुई।

अशोक (42 साल को) 28 नवंबर को शाम 7.30 बजे के बाद शंकरा हॉस्पिटल, जुनवानी में दाखिल किया गया। उनको करीब 5 साल पहले लकवा की शिकायत हुई थी। इसकी वजह से परिवार की माली हालत खराब हो गई। परिजन आयुष्मान कार्ड के भरोसे में शंकरा हॉस्पिटल, जुनवानी लेकर पहुंचे। यहां आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज होता है। इलाज के दौरान मौत होने पर शव लेकर जाने के लिए परिजन दोपहर करीब 12.30 बजे से शाम तक प्रयास करते रहे। उनके पास नगद इंतजाम नहीं हो पाया। वहीं आयुष्मान कार्ड के जिम्मेदार अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे थे। उनको भी दूसरे के माध्यम से जानकारी भेजी गई, तो बता दिया कि मीटिंग में हूं। शाम करीब 6.50 के बाद उन्होंने बताया कि अस्पताल के जिम्मेदार गौतम जी को बता दिया है, शव दे देंगे। वहीं परिवार को अस्पताल में बताया गया कि अभी कार्ड ओपन नहीं हो रहा है। इसे कलेक्टर दुर्ग की जानकारी में भी दिया गया।

मौत होने के बाद मांगा गया कैश
अशोक की मां लच्छोबाई ने बताया कि अशोक ने गुरुवार को दोपहर करीब 12.30 बजे दम तोड़ दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने नकद पैसा मांगा। बताया गया कि आयुष्मान कार्ड से इलाज होता है। यहां तकनीकी दिक्कत आ रही है। जिसकी वजह से आयुष्मान कार्ड काम नहीं कर रहा है। इसके बाद मृतक का परिवार परेशानी में पड़ गया।

जनप्रतिनिधि से करवाए फोन
पीड़ित परिवार के साथ अस्पताल पहुंचे लोगों ने जनप्रतिनिधि से फोन करवाया। जिससे आर्थिक रुप से कमजोर परिवार का 17 हजार रुपए माफ हो जाए। फोन आने के बाद भी प्रबंधन माना नहीं। यह जरूर कहा कि 5 हजार रुपए कम कर दिया है, पर शेष राशि देनी होगी।

नहीं करवा पाए अंतिम संस्कार
नकद परिवार के पास नहीं था। ऐसे में वे पूरा दिन पैसा को माफ करवाने के लिए गुहार लगाते रहे। शाम के 6.50 बजे गए। इस तरह से गुरुवार को अंतिम संस्कार नहीं करवा पाए। अब शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

5 लाख तक मुफ्त इलाज
आयुष्मान कार्ड में दर्ज है कि इस कार्ड से पांच लाख तक मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है। दूसरी ओर 17 हजार के लिए शव ही रोक दिया गया। आयुष्मान कार्ड से संबंधित तकनीकी दिक्कत है या सर्वर की समस्या है। दोनों ही स्थिति में पीड़ित परिवार को भुगतान के लिए कहा जाता है। शासन की योजना है, तो उसके लिए पोर्टल में दिक्कत हो तो विकल्प के तौर पर व्यवस्था शासन को करना चाहिए।

गौतमजी को बोल दिया है, शव देने के लिए। आयुष्मान कार्ड में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है। देवेश त्रिवेदी, कंसलटेंट आयुष्मान भारत
आयुष्मान कार्ड से भुगतान होने में दिक्कत हो रही है। फोन आने पर कुछ राशि कम भी कर दी गई है। आईपी मिश्रा, संचालक शंकरा हॉस्पिटल, जुनवानी

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