केंद्र के निर्देश के मुताबिक तय होती है योग्यता
टीबी के कर्मियों को बेसिक मानदेय पर रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र से तय शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक भर्ती की जाती है। छत्तीसगढ़ और दिगर राज्यों में एक जैसे पद के लिए एक जैसी शैक्षणिक योग्यता तय होती है। योग्य होने पर ही उनको काम पर रखा जाता है। कर्मियों का कहना है कि अगर वे योग्य नहीं होते तो उनको टीबी विभाग में जिस पद पर कार्य करने रखा गया है, उसमें भर्ती ही नहीं होती। भर्ती में आरक्षण नियम का पालन करते हुए नियुक्तियां की जाती है।
मांगी गई योग्यता से अधिक पढ़े-लिखे हैं कर्मी
टीबी विभाग के संविदा कर्मचारियों में बहुत से ऐसे हैं जो मांगी गई योग्यता से अधिक पढ़ाई किए हुए हैं। शैक्षणिक योग्यता 12 व डिप्लोमा मांगा गया है वे बीएससी, एमए किए हुए हैं। गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं। मांगी गई योग्यता में वे खरे उतरे हैं, तब ही वे जॉब कर रहे हैं।
अफसरों ने बताया कर्मियों को योग्यता के मुताबिक मिल रहा मानदेय
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि टीबी में रखे गए संविदा कर्मियों को उनकी योग्यता के मुताबिक मानदेय दिया जा रहा है। अगर इससे अलग जानकारी हो तो मुझसे शेयर करें।
अधिकारी कर रहे गुमराह
मिलिंद पाटिल, एसटीएस, भिलाई ने बताया कि विभाग के मंत्री को अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। अगर योग्य नहीं होते तो किसी को भी टीबी विभाग में काम पर नहीं रखा जाता। शैक्षणिक योग्यता जितनी मांगी गई थी, उससे बहुत से कर्मियों की योग्यता अधिक है।
विभाग के पास मौजूद है कर्मियों की योग्यता
अशोक उइके, एसटीएस, रायपुर ने बताया कि क्षय रोग से जुड़े तमाम संविदा कर्मियों की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी विभाग के पास मौजूद है। विभाग के अधिकारी छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री को पूरा दस्तावेजन के साथ जानकारी दें, गुमराह न करें।
अधिकारी हकीकत बताएं मंत्री को
एम विश्वकर्मा, एसटीएस, बलोदाबाजार, भांटापारा ने बताया कि छत्तीसगढ़ को टीबी मुक्त करने की बड़ी जिम्मेदारी जिन कर्मियों पर है, उनको मानदेय इतना कम मिल रहा है कि परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। विभाग के अधिकारी मंत्री को हकीकत से वाकिफ करवाएं।
दूसरे राज्यों के बराबर दिया जाए बेसिक मानदेय
अशोक ठाकुर, एसटीएस, भानुप्रतापपुर ने बताया कि क्षय रोग में जिन कर्मियों को संविदा में रखा गया है, उनको दूसरे राज्यों में जिस तरह से मानदेय दिया जा रहा है। वैसे ही दिया जाए। क्षय रोग के लिए देशभर में एक पद के लिए शैक्षणिक योग्यता एक जैसी होती है।