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छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला आरक्षक ने किया ऐसा काम, पूरे देश में वर्दी वालों के लिए बन गई मिसाल

locationभिलाईPublished: Oct 06, 2019 03:30:35 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

डोंगरगढ़ मंदिर (Dongargarh Maa Bamleshwari Temple) की सीढिय़ां नहीं चढ़ पाई बुजुर्ग महिला तो गोद में उठाकर माता के दरबार ले गई महिला कांस्टेबल। जीवन के अंतिम पड़ाव में पति के साथ नागपुर से माता बम्लेश्वरी के दर्शन करने पहुंची थी महिला।

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दाक्षी साहू@ भिलाई. माता बम्लेश्वरी के दर्शन करने डोंगरगढ़ पहुंची बीमार, बुजुर्ग महिला पहाड़ की सीढिय़ां चढ़ते वक्त मूर्छित हो गई। बूढ़े पति मदद की आस में बगले झांक रहे थे। तभी फरिश्ता बनकर एक महिला कांस्टेबल (CG Police constable Pooja Dewangan) वहां पहुंची और अंजान महिला को अपनी गोद में उठाकर माता के दरबार की ओर चल पड़ी। लगभग 150 सीढिय़ां और भीड़ का सामना करते हुए आरक्षक पूजा देवांगन ने आखिरकार बेहोश महिला को माता के दर्शन करवा कर ही उसे गोद से नीचे उतारा। बात यहीं खत्म नहीं हुई। दर्शन के बाद आधे शरीर से लकवाग्रस्त महिला को फिर गोद में उठाकर सीधे नीचे अस्पताल पहुंचीं और उनका उपचार कराया।
मंदिर के गर्भगृह में तैनात पुलिस दूरसंचार सेवा भिलाई सेक्टर 6 में (Bhilai police) पदस्थ मात्र 24 साल की इस कांस्टेबल ने शक्ति पर्व में ड्यूटी के साथ सेवा की अनोखी मिसाल पेश की है। पूजा की कोमल ममता और मां दुर्गा की तरह शक्तिशाली भुजाएं सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गई है। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी (CG DGP DM Awasthi) ने पूजा की सेवा भावना देखकर इंद्रधनुष योजना के तहत प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उसका उत्साहवर्धन किया। डीजीपी ने पूजा की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस विभाग को ऐसे ही कर्मठ आरक्षकों की जरूरत है।
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मैंने तो सिर्फ ड्यूटी निभाई…

दो अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती मना रहा था तब छुट्टी के दिन ड्यूटी में तैनात युवा आरक्षक असहाय महिला की मदद करके बड़ी जिम्मेदारी निभा रही थी। इस घटना का जिक्र करते हुए पूजा ने बताया कि एक साल पहले पुलिस की वर्दी पहनते हुए उसने हर जरूरतमंद की मदद करने का संकल्प लिया था। मंदिर की सीढिय़ों पर बुजुर्ग दंपती को देखकर खुद को नहीं रोक पाई। ड्यूटी करते हुए बस उन्हें मंजिल तक पहुंचाने की छोटी सी कोशिश की। माता के दरबार में आए हर श्रद्धालु की मदद के लिए ही हमें वहां तैनात किया गया है। गोद में उठाने की शक्ति कहां से आई, ये तो मुझे भी नहीं पता। बस जो सामने दिखा, उसे बेहतर करने की कोशिश की।
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डॉक्टरों ने दे दिया जवाब, जीवन के अंतिम में पड़ाव में महिला

नागपुर से दर्शन करने डोंगरगढ़ आई बुुजुर्ग महिला जीवन के अंतिम पड़ाव में है। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है। ऐसे में अंतिम दर्शन की आस लेकर पति के साथ वह मां बम्लेश्वरी के दरबार पहुंची थी। आरक्षक पूजा ने बताया कि जब मंदिर के गर्भगृह में वह दंपती को लेकर पहुंची तब भी महिला मूर्छित थी, लेकिन दर्शन के बाद उनके बूढ़े पति की आंखें भर आई। ढेर सारी दुआएं देते हुए उन्होंने कुछ पैसे आशीर्वाद स्वरूप देने चाहे पर उनकेचेहरे की संतुष्टि से सबकुछ मिल गया था। राजनांदगांव में ट्रेनिंग ले रही आरक्षक कहती है कि किसी की सहायता करके आप किसी अपने के जीवन को खुशियों से भर रहे होते हैं। आस्था का दूसरा रूप मानव की सेवा ही है।
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