इसके बाद सोमवार दोपहर लगभग 2 बजे डॉ. विपिन जैन ने पोस्टमार्टम कर शव पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद टीआई राजेश बागड़े की उपस्थिति में शव को रायपुर नाका स्थिति मुक्तिधाम ले जाया गया। जहां पुलिस वालों ने पहले मृतक को श्रंद्धाजली दी और फिर कफन-दफन किया गया।
मृतक के परिजनों ने कहा किउसके गांव गरंग में सख्त नियम है। किसी भी व्यक्ति को गांव में घुसने की अनुमति नहीं है। कोरोना को लेकर गांव के प्रवेश द्वार पर सख्त पहरा है। मजदूरी करने बाहर राज्य गए गांव के लोगों के साथ भी इसी तरह का बर्ताव किया जा रहा है। वे बेहद गरीब हैं इसलिए दुर्ग पुलिस ही उसका अंतिम संस्कार कर दे।
पुलिस ने परिजनों के इस निर्णय को लिखित में मांगा तब गांव के पांच लोगों ने संयुक्त रुप से हस्ताक्षर कर वाट्सऐप पर पत्र भेजा है। जिसमें परिवार वाले और अन्य ग्रामीणों ने लिखित में दिया है कि अपनी स्वेच्छा से विनोद का अंतिम संस्कार करने अधिकृत करते हैं। इसके बाद ही पुलिस ने अंतिम संस्कार किया।
विनोद हेम्ब्रोज अपने साथी के साथ मुबंई गया था। दोनो साथ लौट रहे थे। लौटते समय ही विनोद की मौत हुई। इसके बाद विनोद का दोस्त शव को बायपास में सड़क किनारे छोड़ भाग निकला और परिजनों को घटना की सूचना दी। टीआई सिटी कोतवाली राजेश बागड़े ने बताया कि परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया इस वजह से हम लोगों ने परिजन की भूमिका में शव का अंतिम संस्कार किया। रायपुर नाका में चिन्हित जगह पर दफनाया गया है, ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद हो तो शव को रिकवर किया जा सके।