पपीहा ने बताया कि भिलाई के सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर 10 एवं रविवि से अपनी पढ़ाई पूरी कर वे मुंबई चली गई। जहां उन्होंने अंग्रेजी अखबारों में काम किया और 1988 में कर्मशियल पॉयलट तनशीर काजी के संग ब्याह कर अमेरिका चली गई। वहां उन्हें एक रेडियो स्टेशन में काम करने का मौका मिला पर उस स्टेशन के डायरेक्टर उनके शुरुआती कुछ प्रोग्राम के बाद आगे के एपीसोड प्रसारित नहीं कर पाए। कुछ सालों बाद उसी रेडियो स्टेशन के मालिक ने उन्हें उसे खरीदने का ऑफर दे दिया। उन्होंने किसी तरह रकम जुटाई और स्टेशन फिर से शुरू किया। बस क्या था अपने तीन कार्यक्रम घुंघरू, रिमझिम के जरिए वे खूब हिट हो गई। हिन्दी फिल्मी गीतों के संग हिन्दी में एंकरिंग से कैलिफोर्निया के लोग दीवाने हो गए। उन्होंने 23 साल तक इस रेडियो को जिंदा रखा। तभी उन्हें टीवी में हिन्दी शो का ऑफर आया और वे उसमें आगे बढ़ निकली। अपने शो सलाम नमस्ते विथ पपीहा, लाइफ स्टाइल विथ पपीहा एवं सत्यमेय जयते की तर्ज पर बने कार्यक्रम एकला चालो रे… वे लोगों के बीच काफी फेमस हो गई।
पपीहा केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि भारत में भी महिलाओं की मदद कर रही है। वे ऐसी संस्थाओं से जुड़ी है जो घरेलू हिंसा, एसिड अटैक, मानव तस्करी, सहित महिला उत्पीडऩ को रोकने का कार्यकर रही। उन्होंने बताया कि बराक ओबामा जब राष्ट्रपति थे तब उन्होंने अपने एनजीओ के जरिए अमेरिका में घरेलू हिंसा की शिकार भारतीय महिलाओं के पुनर्वास के लिए एक कानून भी बनवाया जिससे वे महिलाएं शेल्टर होम में रहकर खुद को आत्मनिर्भर बना सकें।