कोरोना संक्रमण की वजह से शासकीय नौकरी के कम हुए अवसर को बढ़ावा मिले। बेरोजगारों को भत्ता देने का जो वादा था वो पूरा हो सके। कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और सातवें वेतनमान का एरियर्स नहीं मिला है। उन्हें उम्मीद है कि बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान होगा। महिला स्व-सहायता समूहों का ऋण माफ होगा। कुपोषण और एनीमिया के लिए राशि बढ़ेगी और महिला क्लीनिक की संख्या में विस्तार होगा। बिजली के बिल में थोड़ी राहत मिले। सभी स्कूलों में कंप्यूटर और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या बढ़े।
पहली बार छत्तीसगढ़ के बजट में चाइल्ड बजट की व्याख्या अलग से होगी। इसके लिए वित्त विभाग ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य विभागों से बच्चों के लिए संचालित योजना की अलग से जानकारी मांगी है। अब तक युवा, जेंडर, कृषि और परिणामी बजट की व्याख्या अलग से होती नहीं रही है।