अपचारी बालक पहले भी संप्रेक्षण गृह में धारा ३०२ के अपराध में रह चुका है। जिसमें उसे दोषमुक्त हो गया था। एक माह पूर्व उसने अपने दोस्त पर प्राणघातक हमला कर दिया इसके बाद फिर संप्रेक्षण गृह पहुंच गया। इसलिए उसका साहस बढ़ गया है। वह पुलिस अधिकारियों तक को कुछ नहीं समझता। कई पुलिस अधिकारियों की जान से मारने की धमकी दे चुका है।
पुलिस को उसकी उम्र पर संदेह है। इसकी जांच के लिए पुलिस ने अपर न्यायालय में अपील की है। इसके पहले जेजेबी (जेमिनाइज जस्टिस कोर्ट) ने खारिज कर दिया था। बाल संप्रेक्षण गृह की अधीक्षकों को भी उस अपचारी बालक की उम्र पर संदेह है। उनका क हना है कि उसकी गतिविधियां और कदकाठी युवक की है। पुलिस ने बताया कि उसने दो सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया है। दोनों में भ्रांतियां है। अपचारी ने जो प्रमाण पत्र पेश किया है। उसकी भी पुलिस जांच करेगी।