भिलाई

मछली मारने गए बच्चे को चाइल्ड लाइन उठा ले गई, अपहरण की आशंका से पूरे गांव में दशहत, पुलिस भी रही हलाकान

घुमंतू बच्चों की रेस्क्यू के नाम पर चाइल्ड लाइन की टीम ने एक परिवार को गंभीर संकट में डाल दिया। पुलिस भी रात भर परेशान रही।

भिलाईDec 01, 2020 / 03:52 pm

Dakshi Sahu

मछली मारने गए बच्चे को चाइल्ड लाइन उठा ले गई, अपहरण की आशंका से पूरे गांव में दशहत, पुलिस भी रही हलाकान

भिलाई. घुमंतू बच्चों की रेस्क्यू के नाम पर चाइल्ड लाइन की टीम ने एक परिवार को गंभीर संकट में डाल दिया। पुलिस भी रात भर परेशान रही। चाइल्ड लाइन की टीम खपरी गांव के एक ऐसे बच्चे को रेस्क्यू कर ले गई जो घुमंतू नहीं है। इसकी सूचना न पुलिस को दी न घर वालों को। बच्चे के अपहरण की आशंका में उसके माता पिता का बुरा हाल था। पूरा परिवार रात जागकर बिताया। बच्चे की तलाश करता रहा। पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस भी परेशान होती रही। सुबह जब बच्चे के सही सलामत होने की जानकारी मिली तब उसके माता पिता की जान में जान आई। चाइल्ड लाइन की इस लापरवाही पर जेवरा सिरसा पुलिस ने जमकर खरीखोटी सुनाई।
अब जानिए क्या है घटना
यह घटना जेवरा सिरसा थानान्तर्गत ग्राम खपरी की शनिवार को दोपहर 3 बजे की है। गांव के तीन हमउम्र दोस्त राहुल विश्वकर्मा पिता गणेश, सुभाष उर्फ पकलू सूर्यवंशी पिता हरि सूर्यवंशी और मुकेश मार्कंडेय पिता दिनेश मारकंडेय मछली पड़कने निकले थे। तीन की उम्र 12 साल के आसपास है। गांव से करीब एक किलोमीटर दूर एक तालाबनुमा खदान है। वहां मछली नहीं मिला तो तीनों घूमते हुए घर लौट रहे थे। उसी समय सीडब्ल्यूसी की तीन सदस्यीय महिला टीम पहुंची। टीम ने दो बच्चों को पकड़ लिया। एक बच्चा दूर खड़ा था। टीम ने दो बच्चों को पकड़ा तो एक हाथ छुड़ा कर भाग निकला। टीम एक बच्चे मुकेश मारकंडेय कोपकड़कर ले गई। मुकेश को ले जाते देख राहुल और सुभाष घबरा गए। दोनों भागते हुए घर पहुंचे और बताया कि तीन महिलाएं मुकेश को पकड़कर ले गई हंै। उनको भी पकड़ रही थी पर वे भाग निकले। दोनों बच्चों ने यह भी बताया कि तीनों सफेद साड़ी पहनी थी। मुंह में टोपा( मास्क) लगाए थे। दोनों बच्चों से मुकेश का अपरहण करने की बात सुनकर गांव में कोहराम मच गया। यह बात पूरे गांव में फैल गई।
बच्चे के अपहरण से पुलिस के उड़े होश, गांव बच्चा चोर गिरोह का हल्ला
ग्रामीण बच्चे के परिजनों के साथ जेवरा सिरसा चौकी पहुंचे और बच्चों के बताए अनुसार घटना की जानकारी पुलिस को दी। बच्चे का अपहरण की घटना सुनकर जेवरा सिरसा पुलिस को होश उड़ गए। जेवरा चौकी प्रभारी बीपी शर्मा ने तत्काल सिविल टीम को बुलाया। आसपास के क्षेत्रों में नाकेबंदी की। बच्चों के बयान अनुसार महिलाओं के हुलिया के आधार पर खोजबीन शुरू की। पूरी रात खोजने में मशक्कत की पर कोई पता नहीं चला। परिजनों को दिलासा देते हुए रात दो बजे घर भेजा। परिजन परेशान थे। चौकी प्रभारी उन्हे बार बार भरोसा दिलाते रहे कि बच्चा सुबह जरूर मिल जाएगा। घर लौटकर परिजन रात में ही आसापास फिर खोजते रहे। कहीं पता नहीं चला।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
रविवार को सुबह परिजन फिर पुलिस चौकी पहुंचे। पुलिस की टीम ने फिर तलाशी शुरू की। जेवरा चौकी प्रभारी ने दो टीम गठित की। एक टीम को मैनुअली खोजबीन में लगाया। दूसरी टीम को आस-पास के सीसीटीवी कैमरे की खोजबीन में लगाया। पुलिस की एक टीम घटना स्थल पर पहुंची। घटना स्थल के सामने जेसी हाइट्स ग्रुप का ऑफिस है जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस की टीम वहां पहुंची और कैमरे के फुटेज की मांग की। तब उस ऑफिस में तैनात गार्ड ने बताया कि तीन महिलाएं आई थी और यह मोबाइल नंबर छोड़ गई है। कहा है कि कोई खोजबीन करने आए तो इस नंबर पर बात करने के लिए बोल देना। पुलिस ने उस मोबाइल नंबर पर बात की। पता चला कि बच्चे को चाइल्ड लाइन वाले ले गए। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। परिजनों को इसकी जानकारी दी तब बच्चे के माता पिता की जान में जान आई।
पिता ने कहा मेरे बेटे को अपहरण कर ले गए
मुकेश मार्कंडेय के पिता दिनेश मार्कंडे ने बताया कि मेरे 12 साल के बच्चे को अपहरण कर तीन महिलाएं ले गई। राहुल और सुभाष दोनों उसके दोस्त हैं। खदान में मछली पकडऩे गए थे। तीन महिलाएं आई और पकड़ कर ले गई। उसकी मां डिलेश्वरी का हाल बेहाल था। पूरी रात वह रोती रही। उसके आंसू नहीं थम रहे थे।
तीन महिलाएं मुंह में मास्क लगाकर आई और पकड़कर ले गई
मुकेश के दोस्त सुभाष ने आपबीती बताई। उसने कहा कि हम लोग मछली मारने के लिए गए थे। वहंा से घर लौटते समय तीन महिलाएं मुंह में मास्क लगाकर आई। मुझे और मुकेश को पकड़ लिया। राहुल झाडिय़ों के पास से दूर जा खड़ा हुआ। मैंने भी उन महिलाओं के चंगुल से भागने की कोशिश की। मेरा टी शर्ट उतर गया। उनसे छुड़ाकर भाग निकला। मुकेश को पकड़कर दुर्ग की ओर ले गई। घर आकर घटना की जानकारी दी।
कलेक्टर के आदेश पर रेस्क्यू कर रही हूं
चाइल्ड लाइन की भारती बिसेन से पत्रिका ने पूछा तो उसने कहा कि कलेक्टर के आदेश से रेस्क्यू किया है। नजदीकी चौकी पुलिस को सूचना नहीं दी थी। पुलिस कंट्रोल रुम को सूचित किया था। कलेक्टर के आदेश पर भीख मांगने वाले और घुंमतू बच्चों का रेस्क्यू कर रही हूं। तीन चार बच्चे सड़क किनारे घुम रहे थे। इसलिए पकड़ कर ले गई। उन्हें बाल संप्रेषण गृह में रखा गया है।
बीपी शर्मा, प्रभारी जेवरा-सिरसा चौकी ने बताया कि शाम को सूचना मिली कि तीन महिलाए आई और नाबालिग बच्चे का अपहरण कर ले गई। तत्काल खोजबीन शुरू किया। रातभर खोजबीन की। नहीं पता चला। सुबह एक फार्म में तैनात गार्ड से जानकारी मिली। फोन किया तब पता चला कि सीडब्ल्यूसी वाले ले गए। कार्रवाई उनकी ठीक है, लेकिन संबंधित थाना क्षेत्र को सूचित करना चाहिए।
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