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Republic Day Special: छत्तीसगढ़ की बेटी मंगरिता एवरेस्ट की चोटी पर लहराएगी तिरंगा

locationभिलाईPublished: Jan 26, 2018 01:20:27 pm

जितना कठिन संघर्ष होता है जीत उतनी ही शानदार होती है। एसएसबी की आरक्षी मंगरिता ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया।

 Republic Day 2018
भिलाई.जितना कठिन संघर्ष होता है जीत उतनी ही शानदार होती है। एसएसबी की आरक्षी मंगरिता टोप्पो ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया। अपने सपनों को साकार करने एसएसबी ने उसे एक मौका दिया और उसने अपनी मेहतन के दम पर अपनी अलग जगह बना ली। हाल ही में डीजी सिल्वर डिस अवार्ड से सम्मानित मंगरिता इस साल के मईमें एवरेस्ट फतह करने जाएगी। एसएसबी महिलाओं का पहला दल तैयार हो रह है जो एवरेस्ट फतह कर वहां तिरंगा और एसएसबी का झंडा फहराएगा। इससे पहले प्री- एवरेस्ट अभियान के तहत उसने अपने दल के साथ माउंट कामेट और माऊंट सैफी को पिछले वर्ष ही फतह कर लिया है।इस पर्वतारोही दल में देशभर से चार महिला आरक्षी को शामिल किया गया है जिसमें छत्तीसगढ़ के मंगरिता शामिल है। उसने बताया कि 2016 से लगातार उसे उत्तराखंड के ग्वालदम स्थित ट्रेनिंग सेंटर से इसकी ट्रेनिंग मिल रही है।
दो साल से चल रही ट्रेनिंग
माइंस डिग्री और कम ऑक्सीजन वाली जगह में खुद को ढालना आसान नहीं होता। मंगरिता बताती है कि दो साल पहले जब अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं के लिएसाहसिक और रोमांच से भरे पर्वतारोही कार्यक्रम होने जा रहा है तब उसने वहां जाने की इच्छा जताई। 2016 में ग्वालदम के ट्रेनिंग सेंटर में लगातार फिजिकल फिटनेस और रिटर्न टेस्ट देने के बाद आखिरकर 6 लड़कियों का चयन किया गया। उसने बताया कि एवरेस्ट फतह के पहले माउंट कामेट और सेफी को फतह करना जरूरी होता है।
टीम माउंट कामेट को फतह करने निकली

सबसे पहले उनकी टीम माउंट कामेट को फतह करने निकली जो ७ हजार 756 फीट ऊंची थी। जबकि उत्तररकाशी स्थित माउंट सैफी 6 हजार 16 1 मीटर यानी 20 हजार 213 फीट ऊंची थी उसे भी फतह किया।मंगरिता कहती है कि इस कड़ी ट्रेनिंग के बाद ही टीम एवरेस्ट फतह के लिएतैयार हो पाईहै। वे बताती है कि वहां के मौसम में खुद को ढालना ही बड़ा चैलेंज होता है। ट्रेनर उन्हें उस तापमान में कईघंटे रोके रखते हैं ताकि उनका शरीर उस वातावरणमें ढल जाए। वह कहती है कि एसएसबी की वजह से ही उसे आगे बढऩे का इतना बड़ा मौका मिला।
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