क्या है सिटीजन डॉक्टर एप
डॉ. शुक्ला ने सिटीजऩ डॉक्टर एप की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि इसके उपयोग से हम डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू को आसानी से रोका जा सकता है। इस एप्प का सबसे खास बात यह है कि एप्प बिना इंटरनेट के भी उपयोग कर सकते है। बीमारी के बारे में बिना नेट के भी संदेश शासन तक भेज सकते है। जिससे शासन की ओर से जल्द से जल्द सुविधा पहुंचाई जा सकेगी।
डॉ. शुक्ला ने सिटीजऩ डॉक्टर एप की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि इसके उपयोग से हम डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू को आसानी से रोका जा सकता है। इस एप्प का सबसे खास बात यह है कि एप्प बिना इंटरनेट के भी उपयोग कर सकते है। बीमारी के बारे में बिना नेट के भी संदेश शासन तक भेज सकते है। जिससे शासन की ओर से जल्द से जल्द सुविधा पहुंचाई जा सकेगी।
जंगलों में तैनात जलयानों के लिए एप उपयोगी
डॉ अलोक ने बताया कि हमारे जवान बस्तर सरगुजा जैसे जंगलों में तैनात रहते है और वहा मलेरिया डेंगू के खतरे Óयादा रहते है। इस एप्प के उपयोग से शासन जवानों को आसानी से मेडिकल सुविधा उपलब्ध् करा सकेगा। इस अवसर पर दुर्ग सीएचएमओ डॉ सुभाष पाण्डेय, मलेरिया अधिकारी डॉ एस के मंडल, अतुल शुक्ला, नवीन तिवारी, वैभव सिंह सहित सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी मनमोहन सिंह , बेनीवाल के साथ पूरे जवान उपस्थित थे।डॉ शुक्ला ने डीआईजी मनमोहन सिंह को अपनी लिखी हुई बुक अंबुज और मलेरिया किट भेंट की। उन्होंने किट से मलेरिया का टेस्ट कैसे करते है यह भी बताया। किट से कोई भी व्यक्ति स्वयं का टेस्ट कर सकता है।
डॉ अलोक ने बताया कि हमारे जवान बस्तर सरगुजा जैसे जंगलों में तैनात रहते है और वहा मलेरिया डेंगू के खतरे Óयादा रहते है। इस एप्प के उपयोग से शासन जवानों को आसानी से मेडिकल सुविधा उपलब्ध् करा सकेगा। इस अवसर पर दुर्ग सीएचएमओ डॉ सुभाष पाण्डेय, मलेरिया अधिकारी डॉ एस के मंडल, अतुल शुक्ला, नवीन तिवारी, वैभव सिंह सहित सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी मनमोहन सिंह , बेनीवाल के साथ पूरे जवान उपस्थित थे।डॉ शुक्ला ने डीआईजी मनमोहन सिंह को अपनी लिखी हुई बुक अंबुज और मलेरिया किट भेंट की। उन्होंने किट से मलेरिया का टेस्ट कैसे करते है यह भी बताया। किट से कोई भी व्यक्ति स्वयं का टेस्ट कर सकता है।
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