scriptदेखिए परिवहन मंत्री जी, एजेंसी 15 किलोमीटर दूरी के वसूल रहे हैं 25 रुपए किराया | City bus Agency is charging 25 rupees for 15 km distance | Patrika News

देखिए परिवहन मंत्री जी, एजेंसी 15 किलोमीटर दूरी के वसूल रहे हैं 25 रुपए किराया

locationभिलाईPublished: Sep 30, 2019 11:46:53 am

Submitted by:

Tara Chand Sinha

शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में दौडऩे वाली सिटी बस पर किसी का वश(नियंत्रण) नहीं है। बसों पर आपरेटर की मनमानी चल रही है। यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

देखिए परिवहन मंत्री जी, एजेंसी 15 किलोमीटर दूरी के वसूल  रहे हैं 25 रुपए किराया

देखिए परिवहन मंत्री जी, एजेंसी 15 किलोमीटर दूरी के वसूल रहे हैं 25 रुपए किराया

भिलाई. शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में दौडऩे वाली सिटी बस पर किसी का वश(नियंत्रण) नहीं है। बसों पर आपरेटर की मनमानी चल रही है। यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।10-15 किलो मीटर की दूरी का 25 रुपए किराया वसूल रहे हैं। जबकि सोसायटी ने 2015 में 34-36 किलोमीटर की दूरी के यात्रा के लिए 27 रुपए किराया तय किया था। संभवत: इसके बाद से यात्री बस किराया की दर रिवाइज नहीं हुआ है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन-अभनपुर-दुर्ग रूट पर चलने वाले सिटी बसों के आपरेटर व कंडक्टर यात्रियों से निर्धारित दर से ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। नहीं देने पर नीचे उतारने की धमकी देने से भी गुरेज नहीं करते।
पत्रिका को दुर्ग बस स्टैंड से पाटन जाने वाली सिटी बसों में मनमाना किराया वसूलने की शिकायत मिली थी। हमारी टीम ने पाटन से पतोरा तक 15 किलोमीटर तक सिटी बस में सफर किया। इस 15 किलोमीटर की दूरी का कंडक्टर ने 25 रुपए किराया लिया। टिकट की मांग किए जाने पर कंडक्टर ने हैंड होल्ड मशीन खराब होने की कहकर पल्ला झाड़ लिया। सवाल करने पर चालक से टिकट बुक मांगा, तो चालक ने नहीं है का जवाब देकर मुंह बंद कर लिया। हमारी बाजू के सीट पर बैठे बीके चंद्रवंशी ने बताया कि उनका दुर्ग से पाटन, पतोरा, उतई आना जाना लगा रहता है। वह दुर्ग से पतोरा में उतरने पर 25 रुपए किराया देता है। पतोरा से पाटन का भ्भी उतना ही किराया लेते हैं। इतना ही किराया निजी बस चालक भी लेते हैं। कोई टिकट नहीं देता।
यात्रियों को इस रूट पर देना पड़ रहा ज्यादा किराया
दुर्ग से पाटन, दुर्ग बस स्टैंड से गुंडरदेही और अहिवारा जामुल अहिवारा रूट के यात्रियों को ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। यात्रियों ने सत्ता और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
बसों पर मॉनीटरिंग नहीं- सब कुछ भगवान भरोसे
दुर्ग-भिलाई और ग्रामीण इलाकों की 32 रूट में सिटी बसें चल रही है। इसकी कोई मानिटरिंग नहीं हो रही है। सब भगवान भरोसे चल रहा है। दुर्ग-भिलाई ट्रांजिट लिमिटेड के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।
मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं: सुविधाएं गायब
शासन ने सिटी बसों को मानिटरिंग के लिए बकायदा कलक्टर की अध्यक्षता में दुर्ग-भिलाई अरबन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी बनाई है। पूरी व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त को पदेन सचिव, निगम दुर्ग और चरोदा के आयुक्त, नगर पालिका परिषद जामुल, कुम्हारी और नगर पंचायत पाटन और उतई के सीएमओ सोसायटी के सदस्य हैं। बावजूद इसके कभी किसी ने मानिटरिंग पर ध्यान नहीं दिया। मानिटरिंग और मेंटनेंस के अभाव में बसों की सुविधाएं डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा, ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम खराब हो गई है। बस की अगर टायर भी पंचर होती है तो उसे अस्थाई रूप से बनाए गए बस डिपो में खड़ी कर देते हंै।
घाटे का सवाल ही नहीं
बसों का संचालन करने वाली दुर्ग-भिलाई ट्रांजिट लिमिटेड (पहले दुर्गबां प्रायवेट लिमिटेड) प्रबंधन घाटे का रोना रोते हैं। दुर्ग जिले की रूट्स पर सिटी बसों को सवारी नहीं मिलने की राग अलापते हैं। हकीकत इसके उलट है। दुर्ग,भिलाई, कुम्हारी, गुंडरदेही, पाटन, जामुल रूट की बसों में पर्याप्त यात्री मिल रहे हैं।
निजी एजेंसी को सौंपने की शिकायत
सिटी बस पर नियमित सफर करने वाले यात्रियों की मानें तो दुर्ग-भिलाई ट्रांजिट लिमिटेड ने पाटन रूट्स की बसों को निजी बस मालिक के साथ टाइ-अप कर लिया है। उनके ही ड्रायवर कंडक्टर सिटी बसों को चलाते हैं। इस वजह से निजी बस के बराबर किराया वसूलते हैं।
जनता के पैसे से खरीदी हैं बसें
– शासन ने 2013-14 में जनता को सस्ती पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए जनता से मिलने वाले टैक्स की राशि से ही 115 सिटी बसें खरीदने का निर्णय लिया था। 37 करोड़ रुपए में 70 सिटी बसें खरीदी गई। पैसा निकायों ने दिया।
– 70 में से 56 बसें 32 रूट्स पर चल रही है। 13 मिनी बसें परमिट के इंतजार में चार साल से सुपेला बस स्टैंड के सिटी बस डिपो में खड़े-खड़े कंडम हो गई। एक बस को सुरंडुंग जामुल में जला दिया गया था। मेंटनेंस के लिए शोरूम भेजा गया है।
ऑटो से कम बसों का किराया
शासन ने सिटी बसों को ऑटो से भी कम रेट पर सिटी बसों को आपरेटिंग और मेंटनेंस की शर्त पर 10 साल के लिए किराए पर दिया है। दिनभर में एक मिनी बस का किराया सिर्फ 116 रुपए मिलता है। 35 सौ रुपए महीने का एक मिडिल बस का किराया है। ऐसी 40 बसें सड़क पर दौड़ रही है। 26 सौ रुपए मिनी सिटी बस का किराया है। 20 से ज्यादा बसें है।
2015 में ऐसे तय हुआ था यात्री किराया

दूरी (किलोमीटर में)- बस किराया(राशि रुपए में)
0-2 5
2-4 6
6-8 9
8-10 10
10-12 12
12-14 13
14-16 14
16-18 16
18-20 17
20-22 18
22-24 19

डीबीयूपीटीएस नोडल अधिकारी बीके देवांगन ने दिए सवालों के जवाब
सवाल- सोसायटी ने सिटी बसों का किराए में वृद्धि की है?
जवाब- मेरी जानकारी में सिटी बसों का किराया में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
सवाल- तो फिर पाटन रूट पर चलने वाले कंडक्टर ज्यादा किराया किस आधार पर ले रहे हैं?
जवाब- यह मेरी जानकारी में नहीं है। ऐसी कोई भी शिकायत नहीं आई है। पता करवाता हूं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो