बघेल ने इसके अलावा केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गो टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस, एनएमडीसी का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय राज्य में खोलने, नैक का क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में खोलने एवं वोकल फॉर लोकल योजनांतर्गत स्थानीय उत्पादों के विपणन केन्द्र आदि के स्थापना की मांग भी रखी। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिए जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन-तिलहन उत्पादन हेतु विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ से कम से कम 23 लाख मीट्रिक टन उसना चावल एफसीआई द्वारा केन्द्रीय पूल में लेने का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारतीय खाद्य निगम द्वारा 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लिया जाएगा जो शत् प्रतिशत अरवा चावल होगा। इस प्रावधान से छत्तीसगढ़ की उसना मिलें बंद हो जाएगी और मिल से संबंधित कर्मचारी और मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने धान समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बारदाने की वास्तविक लागत की प्रतिपूर्ति और पुराने बारदानों में चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध भी किया।
बघेल ने राज्य में उपलब्ध अतिशेष धान से ऐथेनॉल उत्पादन की अनुमति प्रदान करने, वर्ष 2022-23 के बजट में अनुसूचित वर्गों के कल्याण के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ठोस स्थायी व्यवस्था करने, समग्र शिक्षा अभियान में राज्यों को आबंटित की जाने वाली राशि में वृद्धि करने, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आबंटित राशि से संधारण व्यय की अनुमति देने, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में केन्द्र और राज्य का अंश 90:10 निर्धारित करने, जल-जीवन मिशन योजना में केन्द्र का अंश 75 प्रतिशत तथा राज्य का अंश 25 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। बैठक में छत्तीगसढ़ की वित्त सचिव अलरमेल मंगई डी. भी उपस्थित थीं।