एक दूसरे को लगाया गले
रविवार को मनवा कुर्मी समाज, दुर्ग राज का गोढ़ी में वार्षिक अधिवेशन हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। वहीं पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल ने प्रदेश कूर्मि समाज के वर्तमान अध्यक्ष के नाते कार्यक्रम में शिरकत की थी। दोनों ने मंच पर रिश्तों की खट्टास को मिटाते हुए दिल खोलकर एक दूसरे को गले लगाया।
रविवार को मनवा कुर्मी समाज, दुर्ग राज का गोढ़ी में वार्षिक अधिवेशन हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। वहीं पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल ने प्रदेश कूर्मि समाज के वर्तमान अध्यक्ष के नाते कार्यक्रम में शिरकत की थी। दोनों ने मंच पर रिश्तों की खट्टास को मिटाते हुए दिल खोलकर एक दूसरे को गले लगाया।
1993 में एक साथ रखा था राजनीति में कदम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल रिश्ते में एक दूसरे के चाचा-भतीजे हैं। दोनों ने १९९३ में एक साथ राजनीति में कदम रखा था। बीच में किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। जिसके बाद दोनों के बीच की दूरियां बढ़ती चली गई। राजनीतिक दृष्टिकोण से धुर विरोधी हो गए। विजय ने बीजेपी और भूपेश ने कांग्रेस का दामन थामकर राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल रिश्ते में एक दूसरे के चाचा-भतीजे हैं। दोनों ने १९९३ में एक साथ राजनीति में कदम रखा था। बीच में किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। जिसके बाद दोनों के बीच की दूरियां बढ़ती चली गई। राजनीतिक दृष्टिकोण से धुर विरोधी हो गए। विजय ने बीजेपी और भूपेश ने कांग्रेस का दामन थामकर राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे।
हार का करना पड़ा था सामना
विजय के कारण सीएम भूपेश को चुनाव भी हारना पड़ा था 2008 में। दोनों पारिवारिक उत्सव में एक दूसरे से मिलते जरूर थे पर मुंह फेर लेते थे। सीएम बनने के बाद पहली बार दोनों की एक मंच पर मुलाकात हुई। जहां खुशी का आलम देखकर भूपेश ने विजय को गले लगाया। बतां दें कि विजय बघेल पाटन से बीजेपी के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
विजय के कारण सीएम भूपेश को चुनाव भी हारना पड़ा था 2008 में। दोनों पारिवारिक उत्सव में एक दूसरे से मिलते जरूर थे पर मुंह फेर लेते थे। सीएम बनने के बाद पहली बार दोनों की एक मंच पर मुलाकात हुई। जहां खुशी का आलम देखकर भूपेश ने विजय को गले लगाया। बतां दें कि विजय बघेल पाटन से बीजेपी के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।