प्लांट ने 2019-2़0 में 463 किलोग्राम प्रति टन हॉट मेटल के कोक दर के अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ के मुकाबले इस वर्ष 2020-21 में 447 किलोग्राम प्रति टन हॉट मेटल के नए कोक दर स्थापित कर एक नया सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड कायम किया था। बावजूद कोल की बढ़ती कीमत के चलते उत्पादन लागत में गुणात्मक वृद्धि हो रही है।
छह ब्लास्ट फर्नेस (क्रमांक 1, 3, 4, 5, 6 और 8 चालू है। फर्नेस क्रमांक-7 केपिटल रिपेयर पर है) में औसतन 16,000 टन हॉट मेटल के हर महीने औसतन 3.5 लाख टन ( रोजाना लगभग 11,700 टन) कोल की जरूरत पड़ रही है। प्रबंधन इसमें 80 फीसदी आयातित और 20 फीसदी देशी कोल का इस्तेमाल करता है। हर महीने करीब 120 रैक कोल ऑस्ट्रेलिया कनाडा और मोजाम्बिक से संयंत्र आता है। संयंत्र के अधिकारी बताते हैं कि कुछ महीने जिसे विदेशी कोल की कीमत 110 डालर यानि करीब साढ़े दस हजार प्रति टन चल रहा था। लेकिन अब यह बढ़कर 400 डॉलर प्रति टन पहुंच चुकी है।
प्लांट में रोज औसतन बिजली खपत 300 मेगावॉट है। इसकी पूर्ति संयंत्र के स्वयं के पॉवर प्लांट से हो जाती है फिर भी छत्तीसगढ़ राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) के एचवी-4 उपभोक्ता होने की वजह से, बीएसपी ने 150 मेगावॉट/एमवीए का अनुबंध कर रखा है।
बीएसपी के पास पीपी-1, पीपी-2 (आंशिक रूप से कैप्टिव) व पीपी-3 कुल तीन पॉवर प्लांट हैं। पीपी-2 और पीपी-3 एनएसपीसीएल के अंतर्गत आते हैं जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उपक्रम है। 500 मेगावॉट की स्थापित क्षमता में से सेल का आवंटन 280 मेगावॉट है, जिसमें 265 मेगावॉट बिजली बीएसपी को मिलती है। पीपी-3 से टाउनशिप और ऑक्सीजन प्लांट को बिजली की आपूर्ति की जाती है। देशी कोयला के संकट से संयंत्र का बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है।