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भिलाई

बीएसपी में मजदूरों के पीएफ की राशि में घोटाला, कमिश्नर से शिकायत

कंपनी एचइसी, मुकुंद लिमिटेड में काम करने वाले 22 श्रमिक के पीएफ में तीन साल काम करने के बाद भी 2 से 3 हजार ही जमा किए गए हैं।

भिलाईJan 31, 2019 / 11:45 am

Abdul Salam

BHILAI

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन का नियम है कि जब तक ठेकेदार मजदूरों के भविष्य निधी और इएसआइ की राशि जमा नहीं करता है, तब तक उसे राशि प्रबंधन रिलीज नहीं करता। इसके बाद भी ठेकेदार प्रबंधन की आंख में धूल झोंककर आसानी से राशि रिलीज करवा रहे हैं। प्रबंधन की ओर से बड़ी लापरवाही क्रास चेकिंग नहीं करने की हो रही है, जिसका फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं। एक-एक पीएफ नंबर दो-दो मजदूरों को दिया जा रहा है। वहीं कुछ ठेकेदार मजदूर को छोड़ दूसरे के नाम से पीएफ की राशि जमा कर रहे हैं। अब यह सारी जानकारी यूनियन नेता निकालकर पहले प्रबंधन को दिए। जब वहां से कोई रिसपांस नहीं मिला, तो उसे वे पीएफ के कमिश्नर के पास लेकर रायपुर पहुंचे।
तीन साल में जमा किया तीन हजार
बीएसपी से एक प्रतिनिधि मंडल मजदूरों को लेकर पीएफ कार्यालय रायपुर पहुंचा। यहां उन्होंने आयुक्त को बताया कि बीएसपी में काम करने वाली कंपनी एचइसी, मुकुंद लिमिटेड में काम करने वाले 22 श्रमिक के पीएफ में तीन साल काम करने के बाद भी 2 से 3 हजार ही जमा किए गए हैं। ठेकेदार ने एक ही पीएफ नंबर दो-दो श्रमिकों को आवंटित कर दिया है।
पीएफ दफ्तर भिलाई में खोलने की मांग
ठेका यूनियन सीटू के अध्यक्ष जमील अहमद व महासचिव योगेश सोनी ने बताया कि पीएफ, पेंशन की शिकायत और सुनवाई के लिए आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर शिविर लगाने व पीएफ कार्यालय भिलाई में खोलने मांग की है। इससे यहां के हजारों मजदूरों को बड़ी राहत मिलेगी।
शिविर लगाने का दिया आश्वासन
पीएफ कमिश्नर जय कुमार ने भिलाई में पीएफ व पेंशन से संबंधित शिकायत के निराकरण के लिए शिविर लगवाने की बात कही। यह शिविर तीन से चार चरणों में लगेगा। जिससे श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण के साथ ही उनको जागरूक करने का काम किया जा सके।
छामामार कार्रवाई भी
पीएफ कमिश्नर ने कहा कि इस तरह से धांधली की शिकायत मिलने पर विभाग छापामार कार्रवाई भी करेगा। इसके लिए जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यहां करें शिकायत
यूनियन ने कहा है कि पीएफ व पेंशन से संबंधित शिकायत किसी मजदूर को करना है, तो वे यूनियन कार्यालय या ईपीएफओ के रायपुर स्थित दफ्तर में कर सकते हैं। जिससे शिकायत को पीएफ कार्यालय तक पहुंचाया जा सके।
26 दिन काम करवाकर देते हैं 15 दिन की हाजिरी
यूनियन ने आयुक्त को बताया कि श्रमिकों को हाजिरी कार्ड नहीं दिया जाता है। मजदूरों से २६ दिन काम करवाते हैं और 12 से 15 दिन की हाजिरी दी जाती है। इससे नियोक्ता भी अपना अंशदान जमा करने से बच जाता है। इसका सीधा नुकसान मजदूर को होता है।
श्रमिकों को पेंशन में भी होगा नुकसान
पीएफ राशि में कम कटौती से ठेका श्रमिकों को ५८ साल के बाद मिलने वाले पेंशन में नुकसान झेलना पड़ेगा। ऑपरेटिंग अथॉरिटी को हर श्रमिक का हाजिरी कार्ड उपलब्ध करवाना चाहिए। जिससे पीएफ में हाजिरी की गड़बड़ी कर बड़ी धांधली पर रोक लगाई जा सके।
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