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भिलाई निगम, कांग्रेस और भाजपा दोनों को नहीं रास आया वार्डों का परिसीमन, कोर्ट की अनदेखी पर उठाए सवाल

locationभिलाईPublished: Feb 25, 2020 04:14:15 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

विधानसभा क्षेत्र के अनुसार वार्डों का परिसीमन कांग्रेस और भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रहा है। दोनों दलों के नेताओं ने वार्डों की सीमा रेखा और गठन को लेकर आपत्ति जताई है। (Bhilai News)

भिलाई निगम, कांग्रेस और भाजपा दोनों को नहीं रास आया वार्डों का परिसीमन, कोर्ट की अनदेखी पर उठाए सवाल

भिलाई निगम, कांग्रेस और भाजपा दोनों को नहीं रास आया वार्डों का परिसीमन, कोर्ट की अनदेखी पर उठाए सवाल

भिलाई. विधानसभा क्षेत्र के अनुसार वार्डों का परिसीमन कांग्रेस और भाजपा के नेताओं को रास नहीं आ रहा है। दोनों दलों के नेताओं ने वार्डों की सीमा रेखा और गठन को लेकर आपत्ति जताई है। न्यायालय के आदेश की अनदेखी कर की गई परिसीमन पर भी सवाल उठाया है। कलेक्टर से न्यायालय के आदेश और 25 नवंबर 2014 की अधिसूचना के अनुसार वार्डों का गठन की मांग की है। साक्ष्य के तौर पर बिलासपुर हाईकोर्ट का आदेश और नवंबर 2015 में प्रकाशित अधिसूचना की कापी भी सौंपा है।
अब तक 15 आपत्ति दर्ज
वार्डों के परिसीमन को लेकर अब तक कांग्रेस और भाजपा से 15 लोग आपत्ति कर चुके हैं। भाजपा पार्षदों ने जहां वार्डों की सीमा रेखा पर आपत्त्ति की है तो वहीं कांग्रेस के पार्षदों ने वार्डों की आबादी में विसंगति पर सवाल उठाया है। भाजपा पार्षद रामानंद मौर्या का कहना है कि वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में निगम अधिनियम और 2011 की जनगणना ब्लॉक को नजर अंदाज कर वार्डों की सीमा रेखा तय की गई। गौरवपथ के उस पार वैशाली नगर वार्ड आता है। इस बार गौरवपथ की सीमा रेखा को लांघकर गुरुनानक नगर की आबादी को वैशाली नगर में जोड़ दिया है। इससे वार्ड के विकास कार्य को लेकर हमेशा विसंगति आएगी। पहले गुरुनानक नगर के प्रवेश द्वार से वार्ड-13 शुरू होता था। सुंदर नगर कॉलोनी की बसाहट के अनुसार वार्ड का गठन किया गया था।
कोर्ट के आदेश के अनुसार नहीं किया विभाजन
सामाजिक कार्यकर्ता अली हुसैन सिद्दिकी का कहना है कि 2014 की परिसीमन में वार्डों की औसत आबादी की विसंगति को लेकर ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। 2015 में न्यायालय ने नगरीय प्रशासन और निगम प्रशासन को नए सिरे से वार्डों का परिसीमन कर समान अनुपात में वार्डों का गठन के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश अनुसार समान अनुपात में विभाजित किया जाता है तो हर वार्ड की जनसंख्या लगभग 7379 के आसपास आएगा।
वार्डों की आबादी में काफी विसंगति
सिद्दीकी का कहना है कि भिलाई नगर निगम की कुल जनसंख्या 516562 है। इसे 70 वार्डों में विभाजित किया जाता है तो हर वार्ड की औसत आबादी 7379 होती है। इसी के आधार परिसीमन किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। विधानसभा क्षेत्र के अनुसार की गई परिसीमन में वैशाली नगर और भिलाई नगर विधानसभा की जनसंख्या में काफी अंतर है। वैशाली नगर विस क्षेत्र की जनंसख्या 295269 है। भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र की जनंसख्या 221293 है। फिर भी दोनों विधानसभा क्षेत्र में 35-35 वार्डों का गठन कर दिया गया है। इससे वार्डों की औसत आबादी में काफी विसंगति है।
विसंगति : औसत से अधिक आबादी
– वार्ड-13 रानी अवंती बाई कोहका की आबादी 10214 है। वार्ड-16 की जनसंख्या 10661, वार्ड-20 की जनसंख्या 9935, वार्ड-27 की जनसंख्या-10124, वार्ड-20 की जनसंख्या 10429, वार्ड-35 की जनसंख्या 9623 और वार्ड-60 की आबादी 10814 है।
इन वार्डों में औसत से कम आबादी
वार्ड-15 शांति नगर कोहका की जनसंख्या 5543 है। वार्ड- 51 सेक्टर-3 की जनसंख्या में 4275 है। वार्ड- 53 की आबादी 4591, वार्ड-59 की आबादी 4674, वार्ड-65 की आबादी 4670,वार्ड-67 में 4595 और वार्ड-70 की आबादी 4375है। इसी तरह कई वार्डों में समानुपात में विसंगति पाई गई है।
भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा ने शहर की भौगोलिक संरचना को लेकर आपत्ति की है। पीयूष का कहना है कि 18 अप्रेल 2017 को हाईकोर्ट के आदेश वार्डों का इस प्रकार से परिसीमन किया जाना है। जिससे शहर के पूरे वार्डों की जनसंख्या एक जैसा हो जाए, लेकिन नए सिरे से की गई परिसीमन से वार्डों की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या में एकरूपता नहीं है। भाजपा नेता मदन सेन ने भी वार्डों की विसंगति का मुद्दा उठाया।

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