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हॉस्पिटल प्रोजेक्ट पर लगाया था पैसा, वापस देने महिला डॉक्टर करने लगी टाल मटोल, अब देगी 1.83 लाख हर्जाना

locationभिलाईPublished: Dec 14, 2019 03:40:15 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

राधिका नगर भिलाई स्थित श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए स्कीम के तहत राशि जमा कराने के बाद उसे नहीं लौटाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रोपाइटर डॉ. नीता सोनी को दोषी ठहराया है।

हॉस्पिटल प्रोजेक्ट पर लगाया था पैसा, वापस देने महिला डॉक्टर करने लगी टाल मटोल, अब देगी 1.83 लाख हर्जाना

हॉस्पिटल प्रोजेक्ट पर लगाया था पैसा, वापस देने महिला डॉक्टर करने लगी टाल मटोल, अब देगी 1.83 लाख हर्जाना

दुर्ग. राधिका नगर भिलाई स्थित श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए स्कीम के तहत राशि जमा कराने के बाद उसे नहीं लौटाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम (Consumer forum durg
) ने प्रोपाइटर डॉ. नीता सोनी को दोषी ठहराया है। अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने हॉस्पिटल की प्रोप्राइटर को एक माह की मोहलत देते हुए कुल 1 लाख 83 हजार हर्जाना जमा करने कहा है। इस प्रकरण में बोरसी दुर्ग निवासी प्रवीण कुमार साहू ने परिवाद प्रस्तुत किया था। प्रकरण के मुताबिक प्रवीण कुमार साहू ने महिला डॉक्टर के हॉस्पिटल प्रोजेक्ट में 1 लाख 50 हजार निवेश किया था। (Durg News)
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रकम नहीं लौटाई
राशि जमा कर 7 फरवरी 2014 को डिपॉजिट सर्टिफिकेट लिया। जमा योजना की शर्त अनुसार 2 प्रतिशत ब्याज 36 माह में दिए जाने का भरोसा दिलाया गया था, इसके हिसाब से उसे 6 फरवरी 2017 को मूल रकम के साथ ब्याज राशि मिलना था। संपर्क करने पर परिपक्वता के बाद मूल रकम लौटाने के लिए टालमटोल किया जाता रहा। परिवादी ने महिला डॉक्टर को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी भिजवाया, लेकिन इसके बाद भी अनावेदक ने रकम नहीं लौटाई।
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बचाव में कहा
सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए महिला डॉक्टर ने जवाब प्रस्तुत किया कि प्रवीण कुमार साहू उसके हॉस्पिटल में राशि लेने आया ही नहीं। नियम के अनुसार हॉस्पिटल में आकर आवेदन प्रस्तुत करना था और सुरक्षा के रूप में दिए गए चेक एवं प्रमाण पत्र को मूलत: वापस करना था, लेकिन प्रवीण साहू ने ऐसा कुछ किया ही नहीं।
फोरम ने पीडि़त के पक्ष में सुनाया फैसला
फैसला सुनाते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने कहा कि श्रीहरि देवांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की प्रोप्राइटर महिला डॉक्टर ने निर्धारित अवधि के बाद निवेश की गई रकम को वापस नहीं कर ग्राहक के प्रति सेवा में कमी तथा व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में आने वाला कृत्य किया है। इसलिए उसे 1 लाख 50 हजार रुपए, बकाया ब्याज राशि 12 हजार को परिवाद प्रस्तुति दिनांक से 6 प्रतिशत दर से ब्याज के साथ लौटाना होगा। साथ ही मानसिक कष्ट के लिए 20 हजार अलग से देना होगा।
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