संयंत्र और बाहर दोनों जगह हो रहा मजदूरों का शोषण
बीएसपी के सेक्टर-9 हॉस्पिटल में काम करने वाले मजदूरों को कई बार अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करते हुए देखा गया है। यहां काम लेने वाले ठेकेदारों पर अक्सर शोषण करने का आरोप लगता रहा है। शुक्रवार को भी मजदूर अपनी दिक्कतों को लेकर जमीन पर बैठ गए थे। यूनियन नेताओं को सूचना मिली तो वे भी मजदूरों की परेशानियों को सुनने पहुंचे।
आईआर विभाग नहीं है सख्त
मजदूरों को उनका अधिकार दिलाने का काम भिलाई इस्पात संयंत्र के आईआर विभाग का है। ठेकेदार अगर मजदूरों का शोषण कर रहा है तो सबसे पहले आईआर विभाग को देखना चाहिए। बीएसपी में आईआर विभाग देखता ही नहीं। नाम नहीं छापने की शर्त पर मजदूर बताते हैं कि अगर मजदूर शिकायत करने पहुंचे, तो आईआर के अधिकारी खुद फोन कर ठेकेदार को शिकायत करने वाले के संबंध में जानकारी दे देते हैं। जिसके बाद उसे कोई दूसरी गलती बताकर काम से हटा दिया जाता है। मजदूरों का कहना है कि आईआर विभाग के अधिकारी मजदूरों के साथ नहीं ठेकेदारों का साथ देते हैं।
कोविडकाल में रखे जा रहे अटेंडेंट
सेक्टर-9 अस्पताल में पहले से 52 अटेंडेंट काम कर रहे हैं। इनको पूरा वेतन मिले, इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई। अब उनको पूरा वेतन दिया जा रहा है। इसके बाद अलग-अलग ठेका हुआ, जिसमें 48, 43 और 40 अटेंडेंट रखे गए हैं। इनमें से कुछ ने शोषण का विरोध शुरू किया है। जिसके बाद सेक्टर-9 प्रबंधन से लेकर आईआर विभाग तक हरकत में आया है। अब शनिवार की सुबह इस मामले में रास्ता निकाला जाएगा।