42 हजार तक किया जाता है कम भुगतान
बीएसपी के जल शोधन संयंत्र में ठेका मजदूर काम करते हैं। इनकी संख्या 14 है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार को माह में वेतन 12 हजार देना होता है, तो उसके स्थान पर 9 हजार थमा देते हैं। इस तरह से तीन हजार रुपए कम दिया जा रहा है। एक माह में कम से कम 42 हजार रुपए मजदूरों को कम दिया जा रहा है।
बीएसपी के जल शोधन संयंत्र में ठेका मजदूर काम करते हैं। इनकी संख्या 14 है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार को माह में वेतन 12 हजार देना होता है, तो उसके स्थान पर 9 हजार थमा देते हैं। इस तरह से तीन हजार रुपए कम दिया जा रहा है। एक माह में कम से कम 42 हजार रुपए मजदूरों को कम दिया जा रहा है।
दो साल हो रहा पूरा
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार का दो साल पूरा हो रहा है। इसके बाद नया ठेका होना है। वे चाहते हैं कि ठेकेदार पूरा भुगतान दे। वेतन में किसी तरह की कटौती न किया जाए। अगर पूरा वेतन नहीं दिया जाता है, तो वे आंदोलन करेंगे।
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार का दो साल पूरा हो रहा है। इसके बाद नया ठेका होना है। वे चाहते हैं कि ठेकेदार पूरा भुगतान दे। वेतन में किसी तरह की कटौती न किया जाए। अगर पूरा वेतन नहीं दिया जाता है, तो वे आंदोलन करेंगे।
बीएसपी से नहीं मिल रहा अतिरिक्त भुगतान
ठेकेदार सुधांशु ने बताया कि ठेका होने के बाद शासन से तय मजदूरी लागू हुई। तब जितना वेतन बना उतना दिए। इसके बाद प्रबंधन को बढ़े हुए राशि के लिए आवेदन किए, तो वहां से बढ़े हुए अतिरिक्त राशि का भुगतान हो गया। इसके बाद प्रबंधन ने अतिरिक्त भुगतान देना बंद कर दिया। तब बीएसपी के आईआर विभाग में मजदूरों को बुलाकर बताया कि राशि बढ़े हुए वेतनमान के मुताबिक नहीं दिया जा सकता। प्रबंधन बढ़ी हुई राशि नहीं दे रहा है। अगर कम दर में काम करना चाहते हो, तो काम चलता रहेगा, वर्ना ठेका बंद कर देता हूं। तब मजदूर काम करने तैयार हो गए। अब ठेका खत्म होने का है तब यह बात कह रहे हैं।
ठेकेदार सुधांशु ने बताया कि ठेका होने के बाद शासन से तय मजदूरी लागू हुई। तब जितना वेतन बना उतना दिए। इसके बाद प्रबंधन को बढ़े हुए राशि के लिए आवेदन किए, तो वहां से बढ़े हुए अतिरिक्त राशि का भुगतान हो गया। इसके बाद प्रबंधन ने अतिरिक्त भुगतान देना बंद कर दिया। तब बीएसपी के आईआर विभाग में मजदूरों को बुलाकर बताया कि राशि बढ़े हुए वेतनमान के मुताबिक नहीं दिया जा सकता। प्रबंधन बढ़ी हुई राशि नहीं दे रहा है। अगर कम दर में काम करना चाहते हो, तो काम चलता रहेगा, वर्ना ठेका बंद कर देता हूं। तब मजदूर काम करने तैयार हो गए। अब ठेका खत्म होने का है तब यह बात कह रहे हैं।
कर दी है शिकायत
सीटू से ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश सोनी ने बताया कि बीएसपी के आईआर विभाग में अधिकारियों से मिलकर जिस तरह की धांधली चल रही है, उसकी जानकारी दे दी गई है। ठेकेदार प्रबंधन को जितना राशि देने की बात बता रहा है, उससे कम वेतन मजदूरों को दे रहा है।
सीटू से ठेका प्रकोष्ठ के महासचिव योगेश सोनी ने बताया कि बीएसपी के आईआर विभाग में अधिकारियों से मिलकर जिस तरह की धांधली चल रही है, उसकी जानकारी दे दी गई है। ठेकेदार प्रबंधन को जितना राशि देने की बात बता रहा है, उससे कम वेतन मजदूरों को दे रहा है।