भिलाई

बिना जांच किए डेढ़ साल की बच्ची को बता दिया कोरोना पॉजिटिव, 5 घंटे लचर सिस्टम से लड़ते रहे पिता, तब कहा हमारी गलती

बिना कोविड जांच किए डेढ़ साल की एक मासूम बच्ची को दुर्ग स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पॉजिटिव बता दिया। घटना जिले के धमधा ब्लॉक के बड़े पुरदा गांव की है। (chhattisgarh coronavirus update)

भिलाईSep 19, 2020 / 11:34 am

Dakshi Sahu

बिना जांच किए डेढ़ साल की बच्ची को बता दिया कोरोना पॉजिटिव, 5 घंटे लचर सिस्टम से लड़ते रहे पिता, तब कहा हमारी गलती

दाक्षी साहू @भिलाई. बिना कोविड जांच किए डेढ़ साल की एक मासूम बच्ची को दुर्ग स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पॉजिटिव बता दिया। घटना जिले के धमधा ब्लॉक के बड़े पुरदा गांव की है। स्वास्थ्य विभाग ने बकायदा कोविड पॉजिटिव की सूची में बच्ची का नाम अंकित कर दिया। यही सूची लेकर पटवारी और गांव का कोटवार अल सुबह बच्ची के घर पहुंचे तो पिता का दिल डर से बैठ गया। उन्होंने कहा कि मेरी बच्ची को मामूली खांसी थी। उसकी कोविड जांच नहीं हुई, तो वो कैसी पॉजिटिव हो गई। पटवारी ने पिता के बातों को सिरे से इनकार करते हुए सूची दिखाई जो जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई थी। जिसके बाद लगभग पांच घंटे तक पिता लचर व्यवस्था से जूझता रहा। इस बीच उसने डॉक्टर से लेकर अस्पताल और न जाने कितने लोगों को फोन लगाया। अंत में एक दिन पहले बच्ची के मामूली खांसी की मेडिकल पर्ची दिखाई। तब जाकर सिस्टम के जवाबदार अधिकारियों ने माना कि मानवीय त्रुटि हुई है।
भिलाई के निजी अस्पताल में ले गए थे डॉक्टर के पास
बच्ची के पिता ने बताया कि बेटी को मामूली खांसी थी इसलिए वे उसे 14 सितंबर को भिलाई के निजी अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने कहा कि हल्की खांसी है, डरने की बात नहीं दवाई दे रही इसे पिला देना। अगले दिन 15 सितंबर को पटवारी और कोटवार घर पहुंचे बच्ची को कोविड पॉजिटिव बताते हुए घर के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी लेने लगे। पिता ने बताया कि अचानक बेटी के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिलने से वे घबरा गए फिर उन्हें याद आया कि बच्ची का टेस्ट हुआ ही नहीं है। यही बात साबित करने करने के लिए उन्हें पांच घंटे तक लचर सरकारी व्यवस्था से लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी।
तहसीलदार ने माना हुई है मानवीय त्रुटि
बच्ची के पिता ने अंतत: धमधा ब्लाक के तहसीलदार को फोन लगाया उन्हें सारी घटना से अवगत कराया। तब तहसीलदार ने कहा कि हो सकती है कि कोई त्रुटि हुई होगी। तब जाकर पिता ने राहत की सांस ली। इस बीच गांव भर में मासूम के कोविड पॉजिटिव होने की बात आग की तरह फैल गई। बच्ची के पूरिवार सहित पूरा गांव कोरोना के डर से दशहत में दिखा। इस पूरे घटनाक्रम से व्यथित पिता ने कहा कि कोविड संकट में ऐसी लापरवाही किसी को भी भारी पड़ सकती है। अगर मैं नहीं लड़ता तो बच्ची को जबरदस्ती कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता। बिना संक्रमित हुए भी बच्ची के अस्पताल में रहने से पॉजिटिव होने का भय बना रहता। जो उसके स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता था।
तहसीलदार धमधा राम कुमार सोनकर ने बताया कि सूची जिला स्वास्थ्य विभाग सीएमएचओ कार्यालय से आई थी। हमारा काम सिर्फ सूची को ट्रेस करना होता है। ताकि मरीज समय पर अस्पताल पहुंच सके। कोई मानवीय त्रुटि हुई होगी जिसके चलते बच्ची का नाम अंकित हो गया होगा। इसकी ज्यादा जानकारी दुर्ग सीएमएचओ कार्यालय से ही मिल पाएगी।

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