हालांकि स्वास्थ्य विभाग को ट्रू नाट जांच मशीन 10 जून तक प्राप्त हो जाना था, लेकिन मशीन के पार्टस उपलब्ध नहीं होने के कारण विलंब हुआ। मशीन को 10 बिस्तर जिरएट्रिक वार्ड में स्टॉल किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मशीन दो है उपयोगिता के हिसाब से वर्तमान में एक ही जगह शिफ्ट किया जाएगा।
कोरोना जांच के लिए रैपिट किट टेस्ट को विश्वसीनय नहीं माना गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ट्रू नाट को प्राथमिक जांच के लिए उपयुक्त बताया है। लैब बनाने में मशीन की कीमत के अलावा 4 लाख खर्च किया गया है। दुर्ग जिले में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ते जा रही है। शुक्रवार को कोरोना के 14 नए मरीज हैं। ऐसे में मरीजों की रिपोर्ट तेजी से जारी करने में यह मशीन काफी उपयोगी साबित होगी।